वाशिंगटन:
देश को हिला कर रख देने वाली प्राथमिक विद्यालय में हुई गोलीबारी की घटना के एक माह बाद अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दो दशकों के सबसे व्यापक बंदूक नियंत्रण कानून प्रस्ताव को सामने लाया है। इसका उद्देश्य मौजूदा बंदूक कानूनों को मजबूत बनाना है।
कनेक्टिकट प्रांत के न्यूटाउन में गत दिसम्बर में हुई गोलीबारी में 20 बच्चे और छह शिक्षकों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद बहुत से बच्चों ने ओबामा को पत्र लिखा था। बुधवार को पत्र लिखने वाले बच्चों की मौजूदगी में ओबामा ने 23 कार्यपालक कार्रवाइयों पर हस्ताक्षर किए, जिन्हें संसद के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी।
इस प्रस्ताव का उद्देश्य मौजूदा बंदूक कानूनों को मजबूत बनाना और इससे जुड़े मानसिक स्वास्थ्य और स्कूल की सुरक्षा को लेकर कदम उठाना है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने देश की संसद से वर्ष 2004 से निष्प्रभावी हथियार रखने पर प्रतिबंध को दोबारा बहाल करने का आग्रह किया है। इससे मैगजीन में 10 राउंड से ज्यादा गोलियां रखने पर प्रतिबंध लगाया जा सकेगा और बंदूक खरीदने वाले की पृष्ठभूमि की जांच को और विस्तार दिया जा सकेगा।
ओबामा हालांकि यह जानते हैं कि उनकी विधायी प्रक्रिया को संसद में कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा और यह कठिन होगा।
उल्लेखनीय है कि सीएनएन/टाइम मैगजीन/ओआरसी इंटरनेशनल पोल द्वारा कराए गए एक सर्वे के अनुसार 55 प्रतिशत अमेरिकियों ने कड़े बंदूक कानूनों का समर्थन किया है। 56 प्रतिशत का कहना है कि वर्तमान में देश में बंदूक खरीदना बहुत आसान है।
कनेक्टिकट प्रांत के न्यूटाउन में गत दिसम्बर में हुई गोलीबारी में 20 बच्चे और छह शिक्षकों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद बहुत से बच्चों ने ओबामा को पत्र लिखा था। बुधवार को पत्र लिखने वाले बच्चों की मौजूदगी में ओबामा ने 23 कार्यपालक कार्रवाइयों पर हस्ताक्षर किए, जिन्हें संसद के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी।
इस प्रस्ताव का उद्देश्य मौजूदा बंदूक कानूनों को मजबूत बनाना और इससे जुड़े मानसिक स्वास्थ्य और स्कूल की सुरक्षा को लेकर कदम उठाना है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने देश की संसद से वर्ष 2004 से निष्प्रभावी हथियार रखने पर प्रतिबंध को दोबारा बहाल करने का आग्रह किया है। इससे मैगजीन में 10 राउंड से ज्यादा गोलियां रखने पर प्रतिबंध लगाया जा सकेगा और बंदूक खरीदने वाले की पृष्ठभूमि की जांच को और विस्तार दिया जा सकेगा।
ओबामा हालांकि यह जानते हैं कि उनकी विधायी प्रक्रिया को संसद में कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा और यह कठिन होगा।
उल्लेखनीय है कि सीएनएन/टाइम मैगजीन/ओआरसी इंटरनेशनल पोल द्वारा कराए गए एक सर्वे के अनुसार 55 प्रतिशत अमेरिकियों ने कड़े बंदूक कानूनों का समर्थन किया है। 56 प्रतिशत का कहना है कि वर्तमान में देश में बंदूक खरीदना बहुत आसान है।
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