
- डोनाल्ड ट्रंप का नाम एपस्टीन फाइल्स में आने के बाद वे लगातार विरोधियों के निशाने पर हैं.
- ट्रंप ने एपस्टीन विवाद के बीच बराक ओबामा पर देशद्रोह और चुनाव में गड़बड़ी की साजिश रचने का आरोप लगाया.
- व्हाइट हाउस ने WSJ की रिपोर्ट को फर्जी बताया और कहा कि ट्रंप ने एपस्टीन से पहले ही संबंध तोड़ लिए थे.
एपस्टीन फाइल्स में नाम आने के बाद डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) लगातार विरोधियों के निशाने पर हैं. कई बार तो उनके साथी रहे एलन मस्क ही ट्रंप पर सवाल उठा चुके हैं. इस बीच व्हाइट हाउस इस मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने की हर संभव कोशिश कर रहा है. ये दावा द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एपस्टीन विवाद के बीच ट्रंप ने बराक ओबामा पर देश से 'विश्वासघात' का आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया है कि ओबामा ने रिपब्लिकन के खिलाफ देशद्रोह की साजिश रची थी.
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'ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा व्हाइट हाउस'
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ये बात जानते थे कि उनका नाम बदनाम फाइनेंसर जेफरी एपस्टीन से संबंधित केस की फाइलों में मौजूद है, जिसके बाद बुधवार को व्हाइट हाउस ने इससे निपटने के उनके तरीके पर उठे हंगामे से लोगों का ध्यान हटाने के लिए हर संभव कोशिश की. उन्होंने बराक ओबामा पर देशद्रोह की साजिश का आरोप लगाया. हालांकि ओबामा की तरफ से इन आरोपों को 'बेतुका' और 'ध्यान भटकाने की एक कमजोर कोशिश'करार दिया गया है.
एपस्टीन से ध्यान हटाने के लिए ओबामा को किया टारगेट
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, जब मीडिया ने ट्रंप से एपस्टीन से जुड़े मामले पर सवाल किया, तो उन्होंने ओबामा को टारगेट करना शुरू कर दिया. ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने ओबामा पर आरोप लगाते हुए कहा कि "उन्होंने चुनाव में गड़बड़ी करने की कोशिश की और पकड़े गए. इसके लिए सख्त सजा होनी चाहिए, यह देश से विश्वासघात था."
ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को 'गिरोह का मुखिया' बताते हुए आरोप लगाया कि डेमोक्रेट्स ने 2016 से लेकर 2020 तक चुनावों में कथित तौर पर हेराफेरी की. इस पार्टी में जो बाइडेन और हिलेरी क्लिंटन भी शामिल हैं. हालांकि अब तक
डेमोक्रेट्स की ओर से इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन ओबामा के प्रवक्ता इसे 'बेतुका' और 'ध्यान भटकाने की कोशिश'बता चुके हैं.
एपस्टीन फाइल्स पर ट्रंप का वादा झूठा
ट्रंप सलों से एपस्टीन साजिश मामले का फायदा लेते रहे हैं. उन्होंने रूढ़िवादी MAGA (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) आंदोलन को हवा दी और अपने राजनीतिक दुश्मनों को निशाना बनाया. ट्रंप ने चुनावों के दौरान वादा किया था कि अगर वह दोबारा चुने जाते हैं, तो जेफरी एपस्टीन से जुड़े दस्तावेज सार्वजनिक करेंगे. लेकिन 7 जुलाई को, अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने ऐलान कर दिया था कि उनके पास जारी करने के लिए कुछ भी नहीं है. इससे कई ट्रंप समर्थक भड़क गए और
पैम बॉन्डी के इस्तीफे तक की मांग कर दी थी.
एपस्टीन के साथ ट्रंप का कनेक्शन
यह मामला रिपब्लिकन के लिए और भी पेचीदा हो गया है. दरअसल पिछले हफ़्ते द वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की रिपोर्ट में कहा गया था कि ट्रंप ने 2003 में एपस्टीन को एक अश्लील जन्मदिन लेटर लिखा था. राष्ट्रपति ने इस दावे का खंडन कर पब्लिशर पर केस दायर कर दिया है. बुधवार को WSJ ने एक नई खबर पब्लिश की, जिसमें कहा गया कि बॉन्डी ने मई में ट्रंप को बताया था कि उनका नाम एपस्टीन की फाइलों में कई बार आया है. हालांकि ये साफ नहीं है कि ट्रंप का नाम इन फाइलों में किस संदर्भ में आया, क्योंकि 1990 के दशक के न्यूयॉर्क के कई रसूखदार लोगों की तरह ही ट्रंप भी यौन अपराधी एपस्टीन से जुड़े थे.
हालांकि नई रिपोर्ट एपस्टीन के साथ ट्रंप के संबंधों के बारे में पहले से मौजूद जानकारी को और पुख्ता नहीं करती, लेकिन व्हाइट हाउस ने इसे "फर्जी" करार देने में जल्दबाजी की. व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने CNN से कहा, "व्हाइट हाउस को इस बात से कोई हैरानी नहीं है कि बॉन्डी द्वारा तैयार और दिए गए बाइंडरों में ट्रंप का नाम मौजूद था." उन्होंने कहा कि न्याय विभाग द्वारा पहले ही जारी किए जा चुके बहुत से दस्तावेजों में ट्रंप का नाम शामिल था, और ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह दिखाता हो कि राष्ट्रपति किसी भी गलत काम में शामिल थे.
व्हाइट हाउस के कम्यूनिकेशन डायरेक्टर स्टीवन चेउंग ने WSJ की रिपोर्ट को "फर्जी खबर" बताया. उन्होंने कहा कि ट्रंप ने एपस्टीन से बहुत पहले ही नाता तोड़ लिया था. उन्होंने कहा कि ये फर्जी खबरों के अलावा कुछ भी नहीं है.
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