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रूस की ओर से लड़ने पहुंचे किम जोंग उन के सैनिक, क्या है सच्चाई जानें

विदेशियों के रूस के लिए भाड़े के सैनिकों के रूप में लड़ाई लड़ी गई है. हालांकि, यदि उत्तर कोरियाई सैनिक जमीन पर हैं, तो यह पहली बार होगा जब किसी विदेशी सरकार ने मास्को के युद्ध मोर्चे का समर्थन करने के लिए वर्दी में सैनिकों को भेजा है.

रूस की ओर से लड़ने पहुंचे किम जोंग उन के सैनिक, क्या है सच्चाई जानें
उत्तर कोरिया के किम जोंग उन के साथ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन में भीषण युद्ध जारी है. दोनों देश एक दूसरे को मात देने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं. रूस अभी तक सार्वजनिक तौर पर अपने दम पर अकेले ही युद्ध लड़ रहा है. वहीं, यूक्रेन को यूरोप और अमेरिका का पूरा साथ मिल रहा है. यूरोप और अमेरिका के सैनिक भले ही मैदान में आकर रूसी सैनिकों का सामना नहीं कर रहे हों लेकिन साजो सामान से पूरी सहायता रूस के खिलाफ की जा रही है. 

उत्तर कोरिया कर रहा रूस की मदद?

अब कुछ रिपोर्टों में ऐसा दावा किया गया था कि रूस की ओर से यूक्रेन को निशाना बनाने में मदद करने के लिए उत्तर कोरियाई सैन्य इंजीनियरों को लगाया गया है और उसके लड़ाके देश के कब्जे वाले इलाकों में काम कर रहे हैं, लेकिन क्रेमलिन की ओर से इस प्रकार की खबरों को खारिज कर दिया गया है और इसे 'फेक न्यूज स्टोरी' करार दिया गया है. 

रूस ने खारिज की ऐसी खबरें

बता दें कि इस प्रकार की खबरें तब चलीं जब कई समाचार रिपोर्टों में दावा किया गया कि पिछले हफ्ते डोनेट्स्क के पास रूसी कब्जे वाले क्षेत्र पर यूक्रेनी मिसाइल के हमले में छह उत्तर कोरियाई सैनिक मारे गए थे. इस संबंध में गार्जियन ने खबर दी कि केएन-23 मिसाइलों के लिए लॉन्चर सिस्टम के लिए सपोर्ट करने वाली टीमों में रूसी लाइनों के पीछे दर्जनों उत्तर कोरियाई लोग थे. 

दक्षिण कोरिया ने लगाया आरोप

इसके बाद दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून ने सांसदों से कहा कि रिपोर्ट शायद सही है. उन्होंने कहा कि विभिन्न परिस्थितियों को देखते हुए हमारा आकलन है कि यूक्रेन में उत्तर कोरियाई अधिकारियों और सैनिकों के हताहत होने की घटना काफी ह तक संभावित है. किम का दावा है कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच सैन्य गठबंधन के समान आपसी समझौतों के कारण नियमित सैनिकों की तैनाती का मुद्दा अत्यधिक संभावित है.

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रूस लेता रहा है भाड़े के सैनिक

विदेशियों के रूस के लिए भाड़े के सैनिकों के रूप में लड़ाई लड़ी गई है. हालांकि, यदि उत्तर कोरियाई सैनिक जमीन पर हैं, तो यह पहली बार होगा जब किसी विदेशी सरकार ने मास्को के युद्ध मोर्चे का समर्थन करने के लिए वर्दी में सैनिकों को भेजा है.

यूक्रेन का क्या है दावा

एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, दुष्प्रचार का मुकाबला करने के लिए यूक्रेन के केंद्र के प्रमुख लेफ्टिनेंट एंड्री कोवलेंको ने कहा है कि डोनेट्स्क क्षेत्र के युद्ध क्षेत्र में उत्तर कोरिया के "छोटी संख्या में लड़ाकू इंजीनियर" थे. उन्होंने कहा कि कीव प्योंगयांग के गोला-बारूद के उपयोग की निगरानी कर रहा है, जिस पर उनका दावा है कि रूस तेजी से निर्भर हो रहा है, लेकिन यह "निम्न गुणवत्ता" का है - जैसे कि उत्तर कोरियाई मिसाइलें हैं.

उत्तर कोरिया पर लगते रहे हैं आरोप

विशेषज्ञ लंबे समय से कहते रहे हैं कि उत्तर कोरियाई मिसाइलों को रूसी सेना द्वारा यूक्रेन में तैनात किया जा रहा है - मॉस्को और प्योंगयांग दोनों ने इससे इनकार किया है. दक्षिण कोरिया का यह भी दावा है कि प्योंगयांग ने यूक्रेन में इस्तेमाल के लिए हजारों कंटेनर हथियार रूस भेजे हैं. 

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पुतिन ने की है उत्तर कोरिया की यात्रा

परमाणु-सशस्त्र उत्तर कोरिया ने हाल के वर्षों में सार्वजनिक रूप से मास्को के साथ सैन्य संबंधों को मजबूत किया है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जून में प्योंगयांग की यात्रा की थी. यहां उन्होंने नेता किम जोंग उन के साथ एक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. 

इस गर्मी में पूर्वी यूक्रेन में भीषण युद्ध में रूसी सेना को आगे बढ़ने के लिए मदद देने में प्योंगयांग के गोला-बारूद की खेप काफी महत्वपूर्ण साबित हुई थी. लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो यह समझौता सामग्री की आपूर्ति से अब कहीं आगे निकल गया है. 

अमेरिका का बयान

इस पूरे मामले में अमेरिका की ओर से भी बयान आया है कि वह इस पर पूरी नजर बनाए हुए है कि उत्तर कोरिया इस युद्ध में रूस की कितनी मदद कर रहा है. 

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