उत्तर कोरिया (North Korea) लोकतंत्र की एक नई परिभाषा गढ़ते हुए रविवार को अनोखा चुनाव कराने जा रहा है, जिसके नतीजे पहले से ही तय हैं. देश के नेता किम जोंग-उन (Kim Jong Un) की सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की ‘डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया' पर मजबूत पकड़ से सभी वाकिफ हैं. लेकिन दिखावे के लिए यहां हर पांच वर्ष में ‘सुप्रीम पीपुल्स असेंबली' के चुनाव कराए जाते हैं. इसे जारी रखते हुए रविवार को यहां मतदान कराया गया.
उत्तर कोरिया इस बार भी ‘एकनिष्ठ एकता' के नारे के साथ चुनाव करा रहा है. मतदान के दौरान हर मतपत्र पर केवल एक ही स्वीकृत नाम होगा. मतदाता मत डालने से पहले नाम को काट सकते हैं लेकिन कोई ऐसा करता नहीं है. शाम छह बजे तक सरकारी संवाद समिति केसीएनए ने बताया कि सभी निर्वाचन क्षेत्रों में सभी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर लिया है, ‘केवल उन्हें छोड़कर जो विदेश में कार्यरत हैं.'
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साल 2014 में 99.97 प्रतिशत मतदान हुआ था और शत प्रतिशत मतदान नामित उम्मीदवारों के पक्ष में हुआ था. केवल उन लोगों ने मतदान नहीं किया था जो देश से बाहर थे.
ऐसे नतीजे विश्व में और कहीं देखने को नहीं मिलते. चुनाव अधिकारी को कयोंग हाक ने 3.26 प्योंगयांग केबल फैक्ट्री में एक मतदान केंद्र के बाहर कहा, ‘हमारा एक ऐसा समाज है जहां लोग एकमत होकर शीर्ष नेता के सम्मान में एकत्रित होते हैं.' उन्होंने कहा कि चुनाव में हिस्सा लेना नागरिकों का कर्तव्य है और ‘ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जो उम्मीदवार को नकारे.'
(इनपुट- भाषा)
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