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This Article is From Jun 27, 2023

रूस में प्रिगोजिन की नाकाम बगावत के बाद क्या होगा राष्ट्रपति पुतिन का अगला कदम?

Russia Wagner Mutiny News: रूस की प्राइवेट आर्मी मानी जाने वाली वैगनर ग्रुप का राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बगावत बेशक नाकाम हो गया. पुतिन के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकने वाले वैगनर ग्रुप के फाउंडर येवगेनी प्रिगोजिन बीते 24 घंटे से ज्यादा समय से नजर नहीं आए हैं.

व्लादिमीर पुतिन ने प्रिगोजिन के सशस्त्र विद्रोह के ऐलान के बाद उन्हें और वैगनर ग्रुप को देशद्रोही करार दिया था.

नई दिल्ली:

रूस के मॉस्को में प्राइवेट मिलिशिया वैगनर ग्रुप के तख्तापलट की कोशिश भले ही नाकाम हो गई है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि वैगनर ग्रुप के फाउंडर येवगेनी प्रिगोजिन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पुतिन के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकने वाले वैगनर ग्रुप के फाउंडर येवगेनी प्रिगोजिन बीते 24 घंटे से ज्यादा समय से नजर नहीं आए हैं. कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कथित डील के बाद प्रिगोजिन बेलारूस चले गए हैं. कई मीडिया रिपोर्ट में ऐसा भी कहा जा रहा है कि रूस की सरकार ने डील के बाद प्रिगोजिन के खिलाफ तमाम मुकदमे वापस ले लिए हैं, लेकिन ऐसा नहीं हैं.

दरअसल, रिपोर्ट के मुताबिक बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के दखल के बाद वैगनर ग्रुप ने अपने कदम पीछे खींच लिए. लुकाशेंको के जरिए प्रिगोजिन के साथ रूस की डील हुई. इसके बाद पुतिन ने प्रिगोजिन को देश निकाला दे दिया. माना जा रहा है कि वो बेलारूस में हैं. लेकिन उनके खिलाफ मुकदमे वापस नहीं लिए गए हैं. वैगनर ग्रुप के जो लड़ाके रूस की सेना में शामिल होंगे, सिर्फ उन्हें ही देश में रहने की इजाजत है.

खून खराबा ना हो इसलिए उठाया कदम- पुतिन
रूस में तख्तापलट की कोशिश नाकाम होने के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का पहला बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, "मेरे सीधे आदेश पर ऐसे कदम उठाए गए कि रूस में बड़े स्तर पर खून खराबा ना हो. जिन्होंने गलती की उन्हें भी फिर सोचने का वक्त मिला. उन्हें भी समझ आया कि उनकी कार्रवाई समाज ख़ारिज करता है. रूस के लिए इसके कैसे नतीजे होंगे. रूस के दुश्मन ऐसी ही आपसी मार-काट चाहते थे. निये नाट्ज़ी, कीव और उनके पश्चिमी समर्थक ये ही चाहते थे."

प्रिगोजिन ने कहा- विरोध प्रदर्शन था, सत्ता पलट की कोशिश नहीं
व्लादिमीर पुतिन के बयान के पहले प्रिगोजिन का एक 11 मिनट का ऑडियो मैसेज सामने आया, जिसमें उन्होंने- "सत्ता पलट का कोई इरादा नहीं था. वैगनर ग्रुप को खत्म होने से बचाने और वैगनर कैंप पर हमले में 30 लड़ाकों के मारे जाने के बाद कार्रवाई की. ये विरोध प्रदर्शन था. सत्ता पलट की कोशिश नहीं थी."

हालांकि, 24 घंटे चली इस बगावत ने पूरी कार्रवाई ने पूरी दुनिया को चौंका दिया. इससे कई सवाल भी उठ रहे हैं. सवाल ये कि क्या पुतिन की सत्ता पर पकड़ खत्म हो चुकी है? क्या रूस के अंदर पुतिन के खिलाफ विद्रोह पनप रहा है? क्या रूस की सेना उतनी मज़बूत नहीं जैसी मानी जा रही है? लगभग 50 हज़ार लड़ाके कैसे इतनी आसानी से मॉस्को के इतने करीब पहुंच गए? वैगनर ग्रुप के नहीं होने से क्या यूक्रेन का पलड़ा युद्ध में भारी होगा? रूस में अगर सत्ता पलट होती है, तो बाकी दुनिया के लिए इसका क्या मतलब है?

विद्रोह के लिए कितने साल की सजा का प्रावधान?
रूस में सशस्त्र विद्रोह करने के आरोप में 20 साल तक की जेल की सजा देने का प्रावधान है. हालांकि, प्रिगोजिन का अभियोग से बचना दुर्लभ है, क्योंकि क्रेमलिन बागियों और सरकार-विरोधी प्रदर्शनों में शामिल लोगों से बहुत सख्ती से निपटने के लिए जाना जाता है. प्रिगोजिन के मौजूदा ठिकाने को लेकर तस्वीर मंगलवार को भी नहीं साफ हो सकी. 

कुल मिलाकर एक नाकाम बगावत के बाद जो कूटनीतिक तनाव पैदा हुआ है, उसने यूक्रेन जंग को भी एक नया आयाम दिया है. इस मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) की पूर्व निदेशक डॉ. तारा कार्था बताती हैं, "जब प्रिगोजिन जैसी कोई घटना होती है, तो जाहिर तौर पर केंद्रीय नेतृत्व पर सवाल तो उठते ही हैं. ऐसी घटनाओं से दूसरे देशों को लगता है कि पुतिन का इमेज कुछ तो डैमेज हो गया है.

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