
- न्यूजीलैंड में हाक्यूंग ली नाम की मां को अपने दो बच्चों की हत्या और शव छिपाने का दोषी पाया गया है
- बच्चों की उम्र हत्या के समय आठ और छह साल थी, और शव सूटकेस में तीन से चार साल तक पड़े रहे
- आरोपी मां ने अपना अपराध कबूल किया था, लेकिन मानसिक अस्वस्थता का दावा करते हुए दोषमुक्ति की कोशिश की थी
न्यूजीलैंड के सबसे खूंखार मामले में से एक में फैसला आ गया है. एक मां को अपने ही दो बच्चों की हत्या करने और उनकी लाश को सूटकेस में छिपाने का दोषी पाया गया है. यह एक ऐसा हाई-प्रोफाइल और दिल दहलाने वाला मामला था जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया था.
यह हत्यारिन मां मूल रूप से साउथ कोरिया की थी और अब न्यूजीलैंड की नागरिक है. उसका नाम हाक्यूंग ली है. न्यूजीलैंड के साउथ ऑकलैंड के एक स्टोरेज यूनिट में छोड़े गए सूटकेस में उसके बच्चों की लाश मिली थी. बच्चों की अभी उम्र ही क्या था. युना जो और मीनू जो की हत्या के समय उनकी उम्र केवल आठ और छह साल थी, और उनके शव मिलने से पहले वे तीन से चार साल पहले मर चुके थे. यानी उनकी लाश उस सूटकेश में 3-4 साल तक सड़ती रही.
खुद कबूल किया था गुनाह
हत्यारिन मां हाक्यूंग ली के केस में सवाल यह नहीं था कि उसने अपने बच्चों की हत्या की है या नहींं. इसकी वजह है कि उसने पहले ही अपना गुनाह कबूल कर लिया था. मुकदमा इस बात को लेकर अबतक चल रहा था कि क्या वह जानती थी कि जब उसने ऐसा किया था तो उसका यह काम नैतिक रूप से गलत था.
दरअसल न्यूजीलैंड के कानून के तहत यह माना जाता है कि आरोपी तब तक मानसिक स्वस्थ है जब तक इसके उलट न सिद्ध न हो जाए. यह बचाव पक्ष (आरोपी के वकील) पर निर्भर है कि वह आरोपी को मानसिक रूप से अस्वस्थ (इनसेन) साबित कर पाता है या नहीं.
हत्यारिन मां के वकीलों ने कोर्ट में तर्क दिया था कि चूंकि वह मानसिक रूप से सही नहीं (इनसेनिटी) थी. इसलिए उसे दोषी नहीं माना जा सकता. 2017 में उसके पति की मृत्यु ने उसे डिप्रेशन में डाल दिया था. एक फोरेंसिक मनोचिकित्सक ने भी ली की मानसिक स्थिति के बारे में बचाव करते हुए गवाही दी. उसने कोर्ट को बताया कि मां डिप्रेशन, सुसाइडल विचार, अपराधबोध और इस विश्वास के साथ काम कर रही थी कि वह अपने बच्चों के जीवन को समाप्त करके नैतिक रूप से सही काम कर रही थी.
उन्होंने सबूतों की ओर भी इशारा किया कि ली ने खुद को अपने अतीत से दूर करने के लिए जानबूझकर कदम उठाए थे- अपना नाम बदल लिया और साउथ कोरिया लौटने से पहले न्यूजीलैंड के जीवन से नाता तोड़ लिया.
और फिर आया फैसला
ऑकलैंड हाई कोर्ट की जूरी ने केवल दो घंटे के विचार-विमर्श के बाद उसे दोषी पाया. एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार जज जेफ्री वेनिंग ने कहा: "मारे गए छोटे बच्चों के प्रति सहानुभूति महसूस करना स्वाभाविक है. यह महसूस करना भी स्वाभाविक है कि उनकी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए… दूसरी ओर, आप में से कुछ लोग प्रतिवादी (मां) के प्रति सहानुभूति महसूस कर सकते हैं."
जज ने जूरी को सबूतों के आधार पर अपना फैसला लेने का आग्रह किया. इसके बाद जूरी ने मां को हत्या का दोषी करार दिया.
अब हाक्यूंग ली को जेल भेजे जाने से पहले अनिवार्य उपचार आदेश के तहत मानसिक स्वास्थ्य सुविधा (मेंटल हेल्थ के हॉस्पिटल) में हिरासत में रखा जा सकता है. उसे न्यूजीलैंड के कानून के तहत अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का सामना करना पड़ सकता है. इसमें कम से कम 10 साल तक कोई पैरोल नहीं दिया जाएगा. कोर्ट उसे नवंबर में सजा सुनाएगी.
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