काठमांडू:
नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री और हिन्दू समर्थक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी प्रमुख कमल थापा ने प्रस्तावित संविधान संशोधन में देश का हिन्दू राष्ट्र का दर्जा बहाल करने की मांग की है.
कमल थापा ने संवाददाताओं से कहा, "यदि सरकार मधेसी पार्टियों की मांग पूरी करने के इरादे से संविधान संशोधन के लिए कोई विधेयक पेश करती है, तो इस संशोधन विधेयक में धर्मनिरपेक्षता को खत्म करने और नेपाल को हिन्दू राष्ट्र के रूप में बहाल करने का एक प्रावधान भी शामिल किया जाना चाहिए..."
गौरतलब है कि साल 2006 के जनांदोलन के कुछ समय बाद एक संसदीय घोषणा के ज़रिये नेपाल को धर्मनिरपेक्ष देश में तब्दील कर दिया गया था.
थापा ने कहा, लोगों के व्यापक हित में संविधान संशोधन का कोई भी प्रस्ताव उनकी पार्टी को स्वीकार्य होगा. उनकी पार्टी चौथी सबसे बड़ी पार्टी है, जिसके 25 सांसद हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कमल थापा ने संवाददाताओं से कहा, "यदि सरकार मधेसी पार्टियों की मांग पूरी करने के इरादे से संविधान संशोधन के लिए कोई विधेयक पेश करती है, तो इस संशोधन विधेयक में धर्मनिरपेक्षता को खत्म करने और नेपाल को हिन्दू राष्ट्र के रूप में बहाल करने का एक प्रावधान भी शामिल किया जाना चाहिए..."
गौरतलब है कि साल 2006 के जनांदोलन के कुछ समय बाद एक संसदीय घोषणा के ज़रिये नेपाल को धर्मनिरपेक्ष देश में तब्दील कर दिया गया था.
थापा ने कहा, लोगों के व्यापक हित में संविधान संशोधन का कोई भी प्रस्ताव उनकी पार्टी को स्वीकार्य होगा. उनकी पार्टी चौथी सबसे बड़ी पार्टी है, जिसके 25 सांसद हैं.
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