नेपाल में दूसरे संविधानसभा के लिए हुए चुनाव में नेपाली कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरकर सामने आई है। इसने प्रत्यक्ष चुनाव के तहत 240 सीटों में से 105 सीटों पर जीत हासिल की है। चुनाव परिणाम की घोषणा सोमवार को की गई।
नेपाली कांग्रेस के बाद नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी को 92 सीटों पर विजय हासिल हुई है।
नेपाली कांग्रेस को वर्ष 2008 के चुनाव में केवल 37 सीटों और कम्युनिस्ट पार्टी एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी को केवल 30 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
दूसरे चरण की आनुपातिक प्रतिनिधित्व के लिए मतगणना अभी भी जारी है। संविधानसभा के चुनाव दो श्रेणियों के तहत हुए हैं। पहला-सीटवार प्रत्यक्ष निर्वाचन और दूसरा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली। पहली श्रेणी में 240 और दूसरी श्रेणी में 365 सीटें हैं।
601 सदस्यी संविधानसभा में शेष बची 26 सीटों को मंत्रिमंडल बाद में नामांकन के द्वारा भरेगा। युनाइटेड कम्युनिस्ट पार्टी आफ नेपाल-माओवादी (यूसीपीएन-एम) को वर्ष 2008 में 120 सीटों पर विजय मिली थी लेकिन इस बार वह केवल 26 सीटों पर सिमट कर रह गई।
माओवादी दूसरी श्रेणी में भी पीछे चल रहे हैं। दक्षिणी मैदानी इलाके की मधेशी पार्टियों को भी भारी हार का सामना करना पड़ा है।
एमजेएफ (लोकतांत्रिक) को केवल चार और उसके विभाजन से बनी एमजेएफ (नेपाल) को केवल दो सीटों पर जीत मिली है। विभाजन के पहले दोनों पार्टियों ने वर्ष 2008 में 52 सीटों पर जीत हासिल की थी।
तराई मधेश लोकतांत्रिक पार्टी को चार सीटें, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी को तीन सीटें हासिल हुई हैं। एक निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुआ है। सद्भावना पार्टी, नेपाल मजदूर किसान पार्टी और तराई मधेश सद्भावना पार्टी को एक-एक सीट मिली है।
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