नेपाल की राजनीति में उथल-पुथल देखने को मिल रही है. नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड' ने मतभेदों के कारण नेपाली कांग्रेस के साथ अपनी लगभग 15 महीने की साझेदारी को समाप्त करने के बाद सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली की पार्टी के साथ एक नया गठबंधन बनाने का फैसला किया. नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के एक नेता ने कहा कि प्रचंड के नेतृत्व वाली सीपीएन (माओवादी केंद्र) और शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली नेपाली कांग्रेस के बीच गठबंधन समाप्त हो गया है, क्योंकि दोनों शीर्ष नेताओं के बीच मतभेद काफी गहरे हो गए हैं.
Nepal Politics: प्रचंड ने ओली से मिलाया हाथ
सीपीएन (माओवादी केंद्र) के सचिव गणेश शाह ने बताया, "नेपाली कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के साथ सहयोग नहीं किया, इसलिए हम नए गठबंधन की तलाश करने के लिए मजबूर हैं." प्रचंड 25 दिसंबर, 2022 को नेपाली कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बने थे. प्रतिनिधि सभा में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद प्रचंड ने ओली के नेतृत्व वाली नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) से हाथ मिलाने का फैसला किया. हालांकि, ओली को प्रचंड का आलोचक माना जाता है।
प्रचंड की नई कैबिनेट...
पिछले साल, राष्ट्रपति चुनाव के लिए मुख्य विपक्षी दल के उम्मीदवार को समर्थन देने पर मतभेद के बाद सीपीएन-यूएमएल ने प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. सीपीएन-यूएमएल के उपाध्यक्ष सुरेंद्र पांडे ने कहा कि नई कैबिनेट का गठन सोमवार दोपहर को किया जाएगा और कैबिनेट का आकार छोटा होगा. कुछ परियोजनाओं के लिए बजट आवंटन के मुद्दे पर नेपाली कांग्रेस नेता एवं वित्त मंत्री रामशरण महत और प्रचंड के बीच मतभेद बढ़ने के बाद दोनों दलों के बीच दरार बढ़ गई।
सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष ओली ने सोमवार को प्रधानमंत्री के आवास पर प्रचंड से मुलाकात की और एक नया गठबंधन बनाने से संबंधित मामलों पर चर्चा की.
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