मलबे से 82 घंटे बाद निकाले गए खनाल की तस्वीर
काठमांडू:
नेपाल में एक फ्रांसीसी बचाव दल ने देश में विनाशकारी भूकंप के तीन दिन बाद एक व्यक्ति को धराशायी होटल के मलबे से निकाला है। उसने बताया कि उसे जिंदा रहने के लिए अपना पेशाब पीना पड़ा।
27 साल के ऋषि खनाल काठमांडू स्थित अपने होटल में दोपहर का भोजन करके दूसरी मंजिल पर पहुंचे ही थे। तभी अचानक सब कुछ हिलने लगा और गिर गया। इमारत गिरने से वह मलबे में फंस गए और उनका पैर चोटिल हो गया था।
अस्पताल की बिस्तर पर पड़े ऋषि ने कहा, 'मुझे थोड़ी उम्मीद थी लेकिन कल मेरी उम्मीद टूट गई। मेरे नाखून सफेद हो गए और मेरे होठ पर पपड़ी पड़ने लगी... मुझे पक्का विश्वास था कि मेरे लिए कोई नहीं आ रहा। मुझे पक्का हो गया मैं मरने वाला हूं।'
खनाल के आसपास शव पड़े हुए थे, जिनसे भयंकर गंध आ रही थी। हालांकि वह मलबे पर आवाज करते रहें और इससे अंतत: एक फ्रांसीसी राहत टीम आई, जिसने कई घंटे चले अभियान के बाद उसे उसे वहां से निकाला।
27 साल के ऋषि खनाल काठमांडू स्थित अपने होटल में दोपहर का भोजन करके दूसरी मंजिल पर पहुंचे ही थे। तभी अचानक सब कुछ हिलने लगा और गिर गया। इमारत गिरने से वह मलबे में फंस गए और उनका पैर चोटिल हो गया था।
अस्पताल की बिस्तर पर पड़े ऋषि ने कहा, 'मुझे थोड़ी उम्मीद थी लेकिन कल मेरी उम्मीद टूट गई। मेरे नाखून सफेद हो गए और मेरे होठ पर पपड़ी पड़ने लगी... मुझे पक्का विश्वास था कि मेरे लिए कोई नहीं आ रहा। मुझे पक्का हो गया मैं मरने वाला हूं।'
खनाल के आसपास शव पड़े हुए थे, जिनसे भयंकर गंध आ रही थी। हालांकि वह मलबे पर आवाज करते रहें और इससे अंतत: एक फ्रांसीसी राहत टीम आई, जिसने कई घंटे चले अभियान के बाद उसे उसे वहां से निकाला।
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