नेपाल की पूर्व रानी मदर रत्ना राज्य लक्ष्मी शाह (फाइल फोटो)
काठमांडो:
नेपाल ने 37 लाख रुपये का बिजली बिल अदा करने में नाकाम रहने को लेकर ‘महेंद्र मंजिल’ को बिजली की आपूर्ति काट दी है, जो पूर्व रानी मदर रत्ना राज्य लक्ष्मी शाह का आवास है. 88 वर्षीय रानी नेपाल के दिवंगत राजा ज्ञानेंद्र की सौतेली मां हैं.
पुराने नारायणहिती पैलेस में स्थित महल में रहने वाली शाही परिवार की वह एक मात्र सदस्य हैं. नेपाल बिजली प्राधिकरण (एनईए) के उप कार्यकारी निदेशक गोपाल बाबू भट्टाराई के मुताबिक पूर्व रानी पर 37 लाख रुपये का बिजली बिल बकाया है.
एनईए में मौजूद सूत्रों के मुताबिक प्राधिकरण ने साल 2008 से रत्ना को बिजली आपूर्ति के लिए कोई राशि नहीं पाई है, जब देश में राजशाही खत्म हुई थी. राजशाही की समाप्ति के साथ अन्य सदस्यों ने महल खाली कर दिया लेकिन रत्ना महेंद्र मंजिल में रहती रहीं. इसे उनके पति एवं दिवंगत नरेश महेंद्र ने करीब पांच दशक पहले तोहफे में दिया था.
पूर्व रानी के निजी सचिव शंभू अधिकारी ने दावा किया कि पूर्व प्रमुख सरकारी सचिव लीला मणि पौडयाल ने उन्हें बताया था कि संस्कृति, पर्यटन और नागरिक विमानन मंत्रालय बिजली बिलों का भुगतान करेगा. उन्होंने कहा कि सरकार को या तो महेंद्र मंजिल को रत्ना की निजी संपत्ति घोषित कर देनी चाहिए या फिर इसे बिजली, पानी और टेलीफोन का बिल भुगतान करना चाहिए.
पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह के प्रेस सचिव फनी राज पाठक ने बताया कि पूर्व गृह मंत्री कृष्ण प्रसाद सितौला ने पूर्व नरेश को 2008 में भरोसा दिलाया था कि पूर्व रानी महेंद्र मंजिल में रह सकती हैं और उस समझौते के मुताबिक सरकार को बिजली बिल का भुगतान करना होगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पुराने नारायणहिती पैलेस में स्थित महल में रहने वाली शाही परिवार की वह एक मात्र सदस्य हैं. नेपाल बिजली प्राधिकरण (एनईए) के उप कार्यकारी निदेशक गोपाल बाबू भट्टाराई के मुताबिक पूर्व रानी पर 37 लाख रुपये का बिजली बिल बकाया है.
एनईए में मौजूद सूत्रों के मुताबिक प्राधिकरण ने साल 2008 से रत्ना को बिजली आपूर्ति के लिए कोई राशि नहीं पाई है, जब देश में राजशाही खत्म हुई थी. राजशाही की समाप्ति के साथ अन्य सदस्यों ने महल खाली कर दिया लेकिन रत्ना महेंद्र मंजिल में रहती रहीं. इसे उनके पति एवं दिवंगत नरेश महेंद्र ने करीब पांच दशक पहले तोहफे में दिया था.
पूर्व रानी के निजी सचिव शंभू अधिकारी ने दावा किया कि पूर्व प्रमुख सरकारी सचिव लीला मणि पौडयाल ने उन्हें बताया था कि संस्कृति, पर्यटन और नागरिक विमानन मंत्रालय बिजली बिलों का भुगतान करेगा. उन्होंने कहा कि सरकार को या तो महेंद्र मंजिल को रत्ना की निजी संपत्ति घोषित कर देनी चाहिए या फिर इसे बिजली, पानी और टेलीफोन का बिल भुगतान करना चाहिए.
पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह के प्रेस सचिव फनी राज पाठक ने बताया कि पूर्व गृह मंत्री कृष्ण प्रसाद सितौला ने पूर्व नरेश को 2008 में भरोसा दिलाया था कि पूर्व रानी महेंद्र मंजिल में रह सकती हैं और उस समझौते के मुताबिक सरकार को बिजली बिल का भुगतान करना होगा.
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