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This Article is From Sep 20, 2015

नेपाल में खून-खराबे और एक मौत के बीच लागू हुआ नया संविधान, तराई में सेना तैनात

नेपाल में खून-खराबे और एक मौत के बीच लागू हुआ नया संविधान, तराई में सेना तैनात
नेपाल में नए संविधान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में एक की मौत
काठमांडू: नेपाल में सात वर्षों की सियासी कशमकश और मशक्कत के बाद आख़िरकार रविवार को नया संविधान लागू हो गया। इसके साथ ही देश एक हिंदू राजशाही से एक पूर्ण रूप से धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणतंत्र में परिवर्तित हो गया। हालांकि इस नए संविधान का विरोध भी हो रहा है और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस फ़ायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई।

भारतीय समय के मुताबिक, शाम पौने पांच बजे नेपाल की राजधानी काठमांडू में संसद भवन परिसर में एक ख़ास कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामबरन यादव ने नए संविधान के लागू होने की घोषणा की।

राष्ट्रपति राम बरन यादव ने संसद में संविधान को जारी करते हुए कहा, 'मैं संविधान सभा द्वारा पारित और संविधान सभा द्वारा अधिप्रमाणित नेपाल के इस संविधान को आज 20 सितंबर 2015 से लागू किए जाने की घोषणा करता हूं।' उन्होंने नया बानेश्वर में संविधान सभा हाल में आयोजित एक विशेष समारोह में कहा, 'मैं इस ऐतिहासिक मौके पर सभी से एकता और सहयोग का आह्वान करता हूं।'

इस मौके पर काठमांडू में जनता में ज़बर्दस्त उत्साह देखा गया और लोगों ने जश्न मनाया। इस हिमालयी देश के एक हिंदू राजशाही से एक धर्मनिरपेक्ष, संघीय लोकतंत्र के रूप में परिवर्तित होने की खुशी मनाने के लिए हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज लहराए, पटाखे छोड़े और एक दूसरे को शुभकामनाएं दीं। वहीं भारत से सटे हिमालय के तराई इलाकों में इस नए संविधान को लेकर विरोध भी हो रहा है। यहां का अल्पसंख्यक मधेसी समुदाय देश को सात प्रांतों में बांटने के विचार के खिलाफ है।  इस मुद्दे को लेकर हुई हिंसा में कम से कम 40 व्यक्तियों की मौत हुई है, जिसमें आज हुई एक मौत भी शामिल है।

नए संविधान के खिलाफ मधेशी
हिमालय के तराई इलाकों में कई मधेशी गुटों ने नए संविधान के विरोध में हिंसा और तोड़फोड़ की। उनका कहना है कि संविधान में मधेशियों के अधिकारों को नज़रअंदाज़ किया गया है। इसके साथ ही बिराटनगर, बीरगंज, धारन और सरलाही में छिटपुट झड़पें हुई। सिराहा में मधेसी फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने एक नेपाली कांग्रेस सांसद का घर जला दिया। वहीं बीरगंज में एक व्यक्ति पुलिस गोलीबारी में मारा गया, जबकि प्रदर्शनकारियों ने सीपीएन-यूएमएल सांसद के घर में तोड़फोड़ की।

भारत से सटे इलाके में बढ़ाई गई सुरक्षा
मधेशियों के इस विरोध और हिंसा को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है। संविधान सभा हॉल के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। मधेसी और दक्षिणी नेपाल और कुछ पश्चिमी जिलों में थारू जातीय समुदाय नए संविधान के खिलाफ हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यह मधेसी और थारू जातीय समुदायों की ओर से उठायी गई चिंताओं का समाधान करने के असफल रहा।

हिंसा पर भारत ने जताई चिंता
भारत ने जारी हिंसा को लेकर चिंता जतायी है। भारत ने विदेश सचिव एस जयशंकर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूत के तौर पर नेपाल भेजा है, ताकि नेपाली नेतृत्व से आग्रह किया जा सके कि वह सभी पक्षों की चिंताओं का समाधान करे।

इससे पहले शनिवार को नेपाल के दौरे पर गए भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा था कि नए संविधान का लागू होना ख़ुशी का अवसर होना चाहिए न कि हिंसा और विरोध प्रदर्शन का।

आपको बता दें कि नए संविधान में नेपाल के मधेशी समुदाय के अधिकारों की कटौती की बात को लेकर एक महीने से विरोध प्रदर्शन में कई लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। वहीं, जब नेपाल की संविधान सभा ने आठ साल पुरानी धर्मनिरपेक्ष पहचान को बरक़रार रखते हुए तय किया था कि नेपाल फिर से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा तब भी हिंदू संगठनों ने यहां प्रदर्शन किया था। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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