उत्तर कोरिया में बाढ़ ने मचाई तबाही
प्योंगयांग:
उत्तर कोरिया में भीषण बाढ़ में कम से कम 76 लोगों की मौत हो गई जबकि 75 अन्य लोग लापता हो गए. रेड क्रॉस के अनुसार लापता लोगों में मुख्यतौर पर बच्चे शामिल हैं. रेड क्रॉस ने गुरुवार को यह जानकारी दी. भारी बारिश की वजह से आई बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में सबसे ज्यादा नुकसान उत्तरी एवं दक्षिण ह्वांगही प्रांतों में हुआ है. यहां कई घर, क्लीनिक और स्कूल सहित 800 से अधिक इमारतें इसकी चपेट में आ गये हैं, जिससे हजारों लोग बेघर हो गए. बहरहाल बाढ़ और भूस्खलन की वजह से हुई तबाही के बाद अब रेड क्रॉस के कार्यकर्ता जीवित बचे लोगों की तलाश में जुटे हैं. संभावित जगहों पर राहत और बचाव कार्य जलाया जा रहा है.
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इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रीसेंट सोसाइटीज (आईएफआरसी) के उत्तर कोरिया कंट्री ऑफिस के जॉन फ्लेमिंग ने बताया कि हजारों लोग बेघर हो गये हैं और उन्हें तत्काल स्वास्थ्य सेवाओं, आश्रय, भोजन, साफ पेयजल और सफाई व्यवस्था की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ठंड का मौसम आने वाला है, ऐसे में हमें चिंता इस बात की है कि इस आपदा से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और कुछ समुदायों के लिये भोजन की कमी का खतरा बढ़ जायेगा. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले जापान में आए तूफान ने बड़ी तबाही मचाई थी.
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शक्तिशाली तूफान से मरने वालों की संख्या बुधवार को दस पहुंच गई और तूफान से पहुंची क्षति की वजह से एक मुख्य हवाईअड्डे पर फंसे हजारों लोगों को नाव की मदद से बाहर निकाला गया था. जापान के पश्चिमी तट पर तूफान ‘जेबी’ ने बीते मंगलवार को दोपहर में दस्तक दी थी. तूफान की वजह से तेज हवा चलने के साथ ही भारी बारिश भी हो रही थी. बुधवार को दोपहर तक सैकड़ों लोगों को एक विशेष नाव के सहारे कोब ले जाया गया लेकिन हजारों लोग अब भी प्रतीक्षा में हैं.
VIDEO: मुंबई में भारी बारिश से हुमा जलजमाव.
परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी ने एएफपी को बताया कि शक्तिशाली तूफान की वजह से पुलों पर ट्रक पलट गए हैं और कंसाई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की ओर जाने वाले एक पुल से 2,591 टन का टैंकर टकरा गया और पुल को पहुंची क्षति की वजह से यह कृत्रिम द्वीप जापान के मुख्य हिस्से से कट गया. यहां मंगलवार को पूरी रात करीब 3,000 लोग फंसे रहे. तूफान की वजह से उठ रही ऊंची-ऊंची लहरों ने हवाई अड्डे के रनवे और बेसमेंट में बाढ़ जैसी स्थिति ला दी. (इनपुट भाषा से)
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इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रीसेंट सोसाइटीज (आईएफआरसी) के उत्तर कोरिया कंट्री ऑफिस के जॉन फ्लेमिंग ने बताया कि हजारों लोग बेघर हो गये हैं और उन्हें तत्काल स्वास्थ्य सेवाओं, आश्रय, भोजन, साफ पेयजल और सफाई व्यवस्था की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ठंड का मौसम आने वाला है, ऐसे में हमें चिंता इस बात की है कि इस आपदा से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और कुछ समुदायों के लिये भोजन की कमी का खतरा बढ़ जायेगा. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले जापान में आए तूफान ने बड़ी तबाही मचाई थी.
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शक्तिशाली तूफान से मरने वालों की संख्या बुधवार को दस पहुंच गई और तूफान से पहुंची क्षति की वजह से एक मुख्य हवाईअड्डे पर फंसे हजारों लोगों को नाव की मदद से बाहर निकाला गया था. जापान के पश्चिमी तट पर तूफान ‘जेबी’ ने बीते मंगलवार को दोपहर में दस्तक दी थी. तूफान की वजह से तेज हवा चलने के साथ ही भारी बारिश भी हो रही थी. बुधवार को दोपहर तक सैकड़ों लोगों को एक विशेष नाव के सहारे कोब ले जाया गया लेकिन हजारों लोग अब भी प्रतीक्षा में हैं.
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परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी ने एएफपी को बताया कि शक्तिशाली तूफान की वजह से पुलों पर ट्रक पलट गए हैं और कंसाई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की ओर जाने वाले एक पुल से 2,591 टन का टैंकर टकरा गया और पुल को पहुंची क्षति की वजह से यह कृत्रिम द्वीप जापान के मुख्य हिस्से से कट गया. यहां मंगलवार को पूरी रात करीब 3,000 लोग फंसे रहे. तूफान की वजह से उठ रही ऊंची-ऊंची लहरों ने हवाई अड्डे के रनवे और बेसमेंट में बाढ़ जैसी स्थिति ला दी. (इनपुट भाषा से)
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