यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE) में मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox) के तीन और मामले सामने आए हैं. यूएई के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया. यूएई (UAE) में पहला मंकीपॉक्स का मामला करीब एक हफ्ते पहले सामने आया था. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, मंकीपॉक्स का पहला मामला मिलने के एक हफ्ते बाद अब यूएई में इस वायरस के तीन और मामले सामने आए हैं. मंत्रायल ने हालांकि संक्रमित हुए लोगों के बारे में कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की है. मंकीपॉक्स का पहला संक्रमण यूएई में पश्चिमी अफ्रीका से पहुंची 29 साल की महिला में देखने को मिला था.
यूएई (UAE) में कई देशों के लोग रहते और काम करते हैं, ऐसे में यूएई में संक्रमण फैलने से दुनिया के कई देशों के निवासियों के लिए खतरा हो सकता है.
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने रविवार को कहा था कि कई ऐसे देशों में एक साथ मंकीपॉक्स के केस आए हैं जहां यह बीमारी आमतौर पर नहीं पाई जाती है. इससे ये पता चलता है कि मंकीपॉक्स वायरस फैल रहा है और अनडिटेक्टेड ट्रांसमिशन है. डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि 26 मई तक, 23 सदस्य देशों से कुल 257 पुष्ट मामले और 120 संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जो वायरस के लिए स्थानिक नहीं हैं. एजेंसी ने कहा कि उसे शंका है कि स्थानिक और गैर-स्थानिक देशों में निगरानी के चलते अधिक मामले सामने आएंगे.
ब्लूमबर्ग के विशेषज्ञ सैम फाजेली ने बताया था कि प्रकृति में अनगिनत वायरस हैं. यह उनमें से एक है. यह चिकिनपॉक्स और स्मॉलपॉक्स की तरह एक ऑर्थोपॉक्स वायरस है. मंकीपॉक्स लेकिन स्मॉलपॉक्स से मृत्युदर के मामले में कम खतरनाक है. यह वायरस प्रमुख तौर से पश्चिम अफ्रीका में फैलने वाले वायरस लगता है. लेकिन यह असमान्य है कि यह वायरस एक समय पर इतने देशों में रिपोर्ट किया जा रहा है. 2003 में अमेरिका में मंकीपॉक्स के 71 मामले सामने आए थे. यह किसी व्यक्ति की यात्रा की वजह से नहीं था बल्कि घाना से मंगवाए गए रोडेंट्स की वजह से था.
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