प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)।
कुआलालंपुर:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मलेशिया के तीन दिवसीय दौरे के तहत आज यहां पहुंच गए। यहां वह आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलनों में दो उच्च स्तरीय बैठकों में शिरकत करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत मलेशिया में भारतीय उच्चायुक्त टी एस तिरूमूर्ति ने किया।
मलेशिया पहुंचने पर पीएम ने किया ट्वीट
मलेशिया पहुंचने पर मोदी ने ट्वीट किया, 'कुआलालंपुर पहुंच गया हूं। आज के कार्यक्रमों में आसियान उद्यम एवं निवेश शिखर सम्मेलन और 13वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन एवं आमने-सामने की बैठकें शामिल हैं।' भारतीय प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए पूरे कुआलालंपुर में बड़े-बड़े बिलबोर्ड लगे हैं।
पीएम मोदी से मिलने को उत्सुक दिखे प्रवासी भारतीय
भारतीय मूल के स्थानीय लोगों में और प्रवासी भारतीयों में मोदी से मिलने के लिए बेहद उत्सुकता है। कम से कम 50 लोग रीनेसन्स होटल के बाहर इंतजार करते रहे। पीएम मोदी इसी होटल में ठहरे हुए हैं। इंतजार करने वालों में अधिकतर लोग भारतीय मूल के थे। भारतीय प्रधानमंत्री की एक झलक पाने के लिए और उनकी तस्वीर अपने कैमरे में कैद कर लेने के लिए ये लोग अपने मोबाइल फोनों को उपर करके खड़े हुए थे।
आतंकवाद समेत कई मुद्दों पर होगी बातचीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस तीन दिवसीय मलेशिया यात्रा में आतंकवाद, मानव तस्करी, समुद्री सुरक्षा, दक्षिण चीन सागर विवाद और व्यापार पर बात करेंगे। इस दौरान मोदी आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर-सम्मेलनों में दो शक्तिशाली क्षेत्रीय समूहों को भी संबोधित करेंगे।
नाजिब रजाक सहित शीर्ष नेताओं से चर्चा
मोदी रक्षा और सुरक्षा समेत कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने और रणनीतिक संबंधों को नए स्तर पर ले जाने के लिहाज से मलेशिया के प्रधानमंत्री नाजिब रजाक समेत वहां के शीर्ष नेताओं से बातचीत भी करेंगे। दोनों पक्ष कई एमओयू पर दस्तखत कर सकते हैं। प्रधानमंत्री रविवार को पूर्वी एशिया शिखर-सम्मेलन को संबोधित करेंगे। भारत दस साल पहले यहां बने समूह का संस्थापक सदस्य है।
आसियान-भारत के बीच सहयोग बढ़ाने की नई कार्ययोजना
मोदी ने कहा है कि मलेशिया उनकी सरकार की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ के केंद्र में है। भारत की मलेशिया से 2010 से रणनीतिक साझेदारी है। भारत और आसियान की वार्ता में संपर्क का मुद्दा आ सकता है। राजनीतिज्ञ-सुरक्षा, आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक स्तंभों पर आसियान-भारत का सहयोग और बढ़ाने के लिए नई कार्ययोजना (2016-2020) पर भी नेता चर्चा करेंगे।
पूर्वी एशिया सम्मेलन में आतंकवाद का मुद्दा
दसवें पूर्वी एशिया सम्मेलन में आतंकवाद से मुकाबला एक प्रमुख मुद्दा हो सकता है क्योंकि हाल ही में हुए पेरिस आतंकवादी हमलों से स्तब्ध देश समस्या से छुटकारे के प्रयास तेज कर सकते हैं। पूर्वी एशिया सम्मेलन में नेता अनियमित विस्थापन, दक्षिण चीन सागर विवाद, कोरियाई प्रायद्वीप के हालात और पश्चिम एशिया पर भी चर्चा कर सकते हैं। दक्षिण चीन सागर में विवादों में ब्रुनेई, चीन, ताईवान, मलेशिया, फिलिपींस और वियतनाम के बीच द्वीपीय और समुद्री नियंत्रण के दावे शामिल हैं।
सात बयानों और घोषणाओं की संभावना
पूर्वी एशिया सम्मेलन में करीब सात बयानों और घोषणाओं को अपनाया जा सकता है। पूर्वी एशिया सम्मेलन (ईएसए) के नेता क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) वार्ता पर भी बयान जारी कर सकते हैं। आरसीईपी समझौते पर बातचीत 2016 में पूरी हो सकती है जिसमें 10 आसियान देश और भारत समेत उसके छह एफटीए सहयोगी देश शामिल हैं।
कुआलालंपुर घोषणा पर होंगे दस्तखत
मोदी रविवार को ईएएस के अन्य नेताओं के साथ आसियान समुदाय की स्थापना पर 2015 की कुआलालंपुर घोषणा पर दस्तखत के साक्षी होंगे और आसियान 2025 पर कुआलालंपुर घोषणापत्र के भी साक्षी बनेंगे जिसे ‘फॉरिन अहेड टुगेदर’ कहा जाता है। दोनों सम्मेलन मोदी को आसियान और ईएएस के नेताओं के साथ दूसरी बार बातचीत का अवसर प्रदान करेंगे। इससे पहले उन्होंने पिछले साल म्यामां के ने पी तॉ में उन नेताओं से बात की थी।
आसियान और भारत की व्यापक व्यापारिक साझेदारी
आसियान दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में शामिल है और दोनों पक्ष समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग विस्तार के अलावा वृहद आर्थिक साझेदारी पर भी सहयोग मांग सकते हैं। आसियान भारत का चौथा सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार और दस सदस्यों के समूह में भारत छठा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। अप्रैल 2007 और मार्च 2015 के बीच भारत ने आसियान में 38.6 अरब डॉलर का निवेश किया था, वहीं आसियान ने भारत में 32.4 अरब डॉलर का निवेश किया था। आसियान के 10 सदस्य देशों के अलावा पूर्वी एशिया समिट के सदस्यों में भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस शामिल हैं।
मोदी रक्षा और सुरक्षा समेत कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय व्यापार और सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर मलेशिया में शीर्ष नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जिससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंध एक नए स्तर पर पहुंचेंगे।
स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण
मोदी मलेशिया में स्वामी विवेकानंद की एक प्रतिमा का अनावरण करेंगे और मलेशिया को महात्मा गांधी की प्रतिमा भेंट करेंगे। मोदी भारतीय मूल के लोगों द्वारा आयोजित एक समारोह में 10,000 से अधिक लोगों को संबोधित कर सकते हैं। मलेशिया में भारतीय मूल के करीब 24 लाख लोग हैं जो देश की कुल जनसंख्या का आठ प्रतिशत हैं। प्रधानमंत्री शीर्ष कारोबारियों के एक समूह से भी बातचीत करेंगे।
30 अरब डॉलर की परियोजनाओं पर एमओयू
मलेशिया की बरनामा समाचार एजेंसी के अनुसार भारत में मलेशियाई कंपनियों द्वारा करीब 30 अरब डॉलर की परियोजनाओं पर कई एमओयू पर हस्ताक्षर होने के दौरान मोदी और उनके समकक्ष नाजिब मौजूद रहेंगे। वे डिजिटल इंडिया और 200 स्मार्ट सिटी परियोजना में मलेशियाई कंपनियों के निवेश पर आगे और बातचीत कर सकते हैं।
संयुक्त बयान जारी होने की संभावना
दोनों देश मोदी की यात्रा के दौरान भारत-मलेशिया की रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने पर एक संयुक्त बयान जारी कर सकते हैं। इस यात्रा के दौरान अन्य कार्यक्रमों में मलेशिया के प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित स्वागत समारोह, सोमवार को दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा तोरण गेटवे का संयुक्त उद्घाटन और भगवान मुरगन के बातू केव्स मंदिर में दर्शन शामिल हैं।
मलेशिया पहुंचने पर पीएम ने किया ट्वीट
मलेशिया पहुंचने पर मोदी ने ट्वीट किया, 'कुआलालंपुर पहुंच गया हूं। आज के कार्यक्रमों में आसियान उद्यम एवं निवेश शिखर सम्मेलन और 13वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन एवं आमने-सामने की बैठकें शामिल हैं।' भारतीय प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए पूरे कुआलालंपुर में बड़े-बड़े बिलबोर्ड लगे हैं।
पीएम मोदी से मिलने को उत्सुक दिखे प्रवासी भारतीय
भारतीय मूल के स्थानीय लोगों में और प्रवासी भारतीयों में मोदी से मिलने के लिए बेहद उत्सुकता है। कम से कम 50 लोग रीनेसन्स होटल के बाहर इंतजार करते रहे। पीएम मोदी इसी होटल में ठहरे हुए हैं। इंतजार करने वालों में अधिकतर लोग भारतीय मूल के थे। भारतीय प्रधानमंत्री की एक झलक पाने के लिए और उनकी तस्वीर अपने कैमरे में कैद कर लेने के लिए ये लोग अपने मोबाइल फोनों को उपर करके खड़े हुए थे।
आतंकवाद समेत कई मुद्दों पर होगी बातचीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस तीन दिवसीय मलेशिया यात्रा में आतंकवाद, मानव तस्करी, समुद्री सुरक्षा, दक्षिण चीन सागर विवाद और व्यापार पर बात करेंगे। इस दौरान मोदी आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर-सम्मेलनों में दो शक्तिशाली क्षेत्रीय समूहों को भी संबोधित करेंगे।
नाजिब रजाक सहित शीर्ष नेताओं से चर्चा
मोदी रक्षा और सुरक्षा समेत कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने और रणनीतिक संबंधों को नए स्तर पर ले जाने के लिहाज से मलेशिया के प्रधानमंत्री नाजिब रजाक समेत वहां के शीर्ष नेताओं से बातचीत भी करेंगे। दोनों पक्ष कई एमओयू पर दस्तखत कर सकते हैं। प्रधानमंत्री रविवार को पूर्वी एशिया शिखर-सम्मेलन को संबोधित करेंगे। भारत दस साल पहले यहां बने समूह का संस्थापक सदस्य है।
आसियान-भारत के बीच सहयोग बढ़ाने की नई कार्ययोजना
मोदी ने कहा है कि मलेशिया उनकी सरकार की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ के केंद्र में है। भारत की मलेशिया से 2010 से रणनीतिक साझेदारी है। भारत और आसियान की वार्ता में संपर्क का मुद्दा आ सकता है। राजनीतिज्ञ-सुरक्षा, आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक स्तंभों पर आसियान-भारत का सहयोग और बढ़ाने के लिए नई कार्ययोजना (2016-2020) पर भी नेता चर्चा करेंगे।
पूर्वी एशिया सम्मेलन में आतंकवाद का मुद्दा
दसवें पूर्वी एशिया सम्मेलन में आतंकवाद से मुकाबला एक प्रमुख मुद्दा हो सकता है क्योंकि हाल ही में हुए पेरिस आतंकवादी हमलों से स्तब्ध देश समस्या से छुटकारे के प्रयास तेज कर सकते हैं। पूर्वी एशिया सम्मेलन में नेता अनियमित विस्थापन, दक्षिण चीन सागर विवाद, कोरियाई प्रायद्वीप के हालात और पश्चिम एशिया पर भी चर्चा कर सकते हैं। दक्षिण चीन सागर में विवादों में ब्रुनेई, चीन, ताईवान, मलेशिया, फिलिपींस और वियतनाम के बीच द्वीपीय और समुद्री नियंत्रण के दावे शामिल हैं।
सात बयानों और घोषणाओं की संभावना
पूर्वी एशिया सम्मेलन में करीब सात बयानों और घोषणाओं को अपनाया जा सकता है। पूर्वी एशिया सम्मेलन (ईएसए) के नेता क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) वार्ता पर भी बयान जारी कर सकते हैं। आरसीईपी समझौते पर बातचीत 2016 में पूरी हो सकती है जिसमें 10 आसियान देश और भारत समेत उसके छह एफटीए सहयोगी देश शामिल हैं।
कुआलालंपुर घोषणा पर होंगे दस्तखत
मोदी रविवार को ईएएस के अन्य नेताओं के साथ आसियान समुदाय की स्थापना पर 2015 की कुआलालंपुर घोषणा पर दस्तखत के साक्षी होंगे और आसियान 2025 पर कुआलालंपुर घोषणापत्र के भी साक्षी बनेंगे जिसे ‘फॉरिन अहेड टुगेदर’ कहा जाता है। दोनों सम्मेलन मोदी को आसियान और ईएएस के नेताओं के साथ दूसरी बार बातचीत का अवसर प्रदान करेंगे। इससे पहले उन्होंने पिछले साल म्यामां के ने पी तॉ में उन नेताओं से बात की थी।
आसियान और भारत की व्यापक व्यापारिक साझेदारी
आसियान दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में शामिल है और दोनों पक्ष समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग विस्तार के अलावा वृहद आर्थिक साझेदारी पर भी सहयोग मांग सकते हैं। आसियान भारत का चौथा सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार और दस सदस्यों के समूह में भारत छठा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। अप्रैल 2007 और मार्च 2015 के बीच भारत ने आसियान में 38.6 अरब डॉलर का निवेश किया था, वहीं आसियान ने भारत में 32.4 अरब डॉलर का निवेश किया था। आसियान के 10 सदस्य देशों के अलावा पूर्वी एशिया समिट के सदस्यों में भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस शामिल हैं।
मोदी रक्षा और सुरक्षा समेत कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय व्यापार और सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर मलेशिया में शीर्ष नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जिससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंध एक नए स्तर पर पहुंचेंगे।
स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण
मोदी मलेशिया में स्वामी विवेकानंद की एक प्रतिमा का अनावरण करेंगे और मलेशिया को महात्मा गांधी की प्रतिमा भेंट करेंगे। मोदी भारतीय मूल के लोगों द्वारा आयोजित एक समारोह में 10,000 से अधिक लोगों को संबोधित कर सकते हैं। मलेशिया में भारतीय मूल के करीब 24 लाख लोग हैं जो देश की कुल जनसंख्या का आठ प्रतिशत हैं। प्रधानमंत्री शीर्ष कारोबारियों के एक समूह से भी बातचीत करेंगे।
30 अरब डॉलर की परियोजनाओं पर एमओयू
मलेशिया की बरनामा समाचार एजेंसी के अनुसार भारत में मलेशियाई कंपनियों द्वारा करीब 30 अरब डॉलर की परियोजनाओं पर कई एमओयू पर हस्ताक्षर होने के दौरान मोदी और उनके समकक्ष नाजिब मौजूद रहेंगे। वे डिजिटल इंडिया और 200 स्मार्ट सिटी परियोजना में मलेशियाई कंपनियों के निवेश पर आगे और बातचीत कर सकते हैं।
संयुक्त बयान जारी होने की संभावना
दोनों देश मोदी की यात्रा के दौरान भारत-मलेशिया की रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने पर एक संयुक्त बयान जारी कर सकते हैं। इस यात्रा के दौरान अन्य कार्यक्रमों में मलेशिया के प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित स्वागत समारोह, सोमवार को दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा तोरण गेटवे का संयुक्त उद्घाटन और भगवान मुरगन के बातू केव्स मंदिर में दर्शन शामिल हैं।
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