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This Article is From Dec 18, 2020

US में Moderna की कोविड वैक्सीन के इमरजेंसी यूज़ को एक्सपर्ट पैनल ने दी मंजूरी

Covid-19 Vaccine : Moderna की Covid-19 वैक्सीन के इमरजेंसी यूज़ को अमेरिका में एक्सपर्ट पैनल ने अप्रूवल दे दिया है. अब बस इसे फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से मंजूरी मिलनी बाकी है, जिसके बाद मॉडर्ना को मंजूरी देने वाला अमेरिका पहला देश बन जाएगा.

US में Moderna की कोविड वैक्सीन के इमरजेंसी यूज़ को एक्सपर्ट पैनल ने दी मंजूरी
Corona Vaccine : Moderna की वैक्सीन के इमरजेंसी यूज को मिली मंजूरी.
वॉशिंगटन:

Covid-19 Vaccine : अमेरिका में गुरुवार को एक एक्सपर्ट पैनल (US Expert Panel) ने Moderna की Covid-19 वैक्सीन के इमरजेंसी यूज़ को अप्रूवल दे दिया है. इसके साथ ही वैक्सीन की 60 लाख डोज़ के लिए अगले दो दिनों में शिपिंग शुरू हो सकती है. अब उम्मीद की जा रही है कि अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन मॉडर्ना की वैक्सीन को EUA यानी इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन दे सकता है. एक्सपर्ट पैनल में शामिल 21 विशेषज्ञों में से 20 ने इसे मंजूरी दी, वहीं एक विशेषज्ञ अनुपस्थित रहा.

विशेषज्ञों को इस सवाल का जवाब देना था कि 'उपलब्ध वैज्ञानिक प्रमाण के आधार पर, क्या वैक्सीन का लाभ 18 और उससे ऊपर की आयु वाले लोगों में पैदा होने वाले रिस्क से ज्यादा है.' एपिडेमोलॉजिस्ट अरनॉल्ड मोंटो ने बताया कि यह वोट पिछले हफ्ते Pfizer-BioNTech वैक्सीन को मिले वोट से भी ज्यादा था.

एक्सपर्ट पैनल की इस मीटिंग को तब बुलाया गया था, जब अमेरिका में कोरोनावायरस से होने वाली मौतें 310,000 के आंकड़े के करीब पहुंच रही हैं. अमेरिका इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है. पिछले हफ्ते में यहां पर फाइज़र की वैक्सीन का हेल्थकेयर वर्कर्स को वैक्सीनेशन शुरू हुआ है.

यह भी पढ़ें: मॉडर्ना की COVID-19 वैक्सीन 3 महीने तक शरीर में एंटीबॉडी को बने रहने में करती है मदद : रिपोर्ट

दोनों ही वैक्सीन कटिंग-एज टेक्नोलॉजी mRNA (messenger ribonucleic acid) पर आधारित है, जिसे इस महामारी के पहले अभी तक अप्रूवल नहीं मिला था. ये दोनों वैक्सीन ही दो बार के डोज़ के रेजीमेन वाली हैं. यानी मरीज को इसे दो बार लेना होगा.

हालांकि, दोनों ही वैक्सीन के प्रभावी होने का स्तर 95 फीसदी के आसपास रहा है- जोकि अपेक्षा से कहीं ज्यादा है. लेकिन फिर भी फाइज़र की वैक्सीन लेने के बाद दुनिया में कुछ लोगों को एलर्जी और रिएक्शन का सामना करना पड़ा है.

अमेरिका में कोरोनावायरस के कुल 17 मिलियन केस हो चुके हैं, ऐसे में लग रहा है कि मॉडर्ना को मंजूरी देने वाला अमेरिका पहला देश बन जाएगा.

बता दें कि मैसाचुसेट्स की यह छोटी बायोटेक फर्म अमेरिकी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर इस वैक्सीन को डेवलप किया है. अमेरिकी सरकार की ओर से इसे 2.5 बिलियन डॉलर का सहयोग मिला है.

Video: ब्रिटेन में फाइज़र की वैक्सीन पर एलर्जी की चेतावनी

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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