- थाईलैंड में 65 वर्षीय महिला को मृत समझकर अंतिम संस्कार के लिए ताबूत में रखा गया था.
- महिला दो साल से बेहोशी की हालत में थी और परिवार ने बिना जांच के ही उसे मृत मान लिया था.
- अंतिम संस्कार से पहले ताबूत में से दस्तक सुनाई दी और महिला के होश में आने से रिश्तेदार हैरान रह गए.
थाईलैंड में अंतिम संस्कार से पहले उस वक्त एक चौंकाने वाला क्षण देखने को मिला जब 65 साल की महिला को होश आ गया और वह ताबूत में से दस्तक देने लगी. महिला को मृत मानकर लोग अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहे थे. इस घटना के सामने आने के बाद महिला के रिश्तेदार स्तब्ध रह गए. यह घटना इस बात का भी प्रमाण है कि चिकित्सा संबंधी छोटी सी गलतफहमी जीवन को मृत्यु में बदल सकती है.
दो साल से बिस्तर पर पड़ी चोंथिरोट 23 नवंबर की सुबह फित्सानुलोक प्रांत स्थित अपने घर में बेहोशी की हालत में पाई गईं. परिवार ने मान लिया कि उनकी स्वाभाविक मृत्यु हुई है. इसलिए उन्होंने उन्हें एक सफेद ताबूत में रखा और बैंकॉक के पास एक मंदिर की ओर चार घंटे लंबी और 225 मील की यात्रा शुरू की. यह मंदिर गरीब परिवारों के लिए मुफ्त अंतिम संस्कार और दाह संस्कार प्रदान करता है.
ताबूत के अंदर से सुनाई दी दस्तक
हालांकि जैसे ही अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू होने वाली थीं, परिवार को ताबूत के अंदर से एक हल्की सी दस्तक सुनाई दी. उन्होंने ताबूत को खोलकर देखा तो हर कोई हैरान रह गया. चोंथिरोट कांप रही थीं और अपने चेहरे से मक्खियां भी उड़ा रही थीं. यह अद्भुत दृश्य वीडियो में कैद हो गया, जिसमें आसपास खड़े रिश्तेदार हैरान और स्तब्ध नजर आ रहे हैं.
उनके भाई 57 साल के मोंगकोल ने बताया कि उन्होंने उनके निधन संबंधित दस्तावेज पहले ही इकट्ठा कर लिए थे. उसने कहा कि अपनी बहन को जीवित देखकर वह बहुत खुश था.
बिना जांच के परिवार ने मान ली मौत
मंदिर के कर्मचारी थम्मनुन ताबूत को मुख्य हॉल में ले जाने की तैयारी कर रहे थे. उन्होंने बताया कि उन्हें अचानक अंदर से मदद की धीमी आवाजें सुनाई दीं.
बाद में डॉक्टरों ने बताया कि चोंथिरोट की सांसें रुकी नहीं थी. उनका ब्लड शुगर इतना कम हो गया था कि परिवार ने बिना उचित जांच के ही मान लिया कि उनकी मृत्यु हो गई है.
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