लंदन:
जाने-माने चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन का लंदन के रॉयल ब्राम्पटन अस्पताल में स्थानीय समयानुसार तड़के ढाई बजे निधन हो गया। परिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। 1991 में पद्म विभूषण से सम्मानित हुसैन का पिछले डेढ़ महीने से स्वास्थ्य खराब चल रहा था। वह 2006 से लंदन में ही रह रहे थे। हुसैन का जन्म 17 सितंबर, 1915 को महाराष्ट्र के पंढरपुर में हुआ था। 1996 में हिन्दू देवी-देवताओं को लेकर बनाई गई उनकी कुछ पेटिंग्स पर काफी बवाल मच गया था। इसके बाद उन पर कई मुकदमे भी दर्ज हुए। बाद में 2006 में हुसैन लंदन चले गए। जनवरी, 2010 में उन्होंने कतर की नागरिकता स्वीकार कर ली। बतौर चित्रकार हुसैन को 40 के दशक में ख्याति मिलनी हासिल हो गई थी और 1952 में ज्यूरिख में उनकी पेटिंग्स की एकल प्रदर्शनी आयोजित की गई और फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान बनने लगी।देवी दुर्गा और सरस्वती के उनके चित्रों पर हिन्दू समूहों ने तीखी प्रतिक्रिया जताई और 1998 में चित्रकार के घर पर हमला कर उनकी कलाकृतियों को नुकसान पहुंचाया गया। फरवरी, 2006 में हुसैन पर हिन्दू देवी-देवताओं के निर्वस्त्र चित्र बनाकर लोगों की भावनाएं आहत करने का आरोप लगा। भारत में कानूनी मुकदमे दायर होने और जान से मारने की धमकियां मिलने के बाद से हुसैन 2006 से आत्म निर्वासन में रह रहे थे। उन्हें जनवरी, 2010 में कतर की नागरिकता दी गई, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। हरिद्वार की जिला अदालत के भेजे समन पर हुसैन ने कभी जवाब नहीं दिया। अदालती आदेश के तहत भारत में उनकी संपत्तियों को कुर्क कर लिया गया। उनके खिलाफ एक अदालत ने जमानती वारंट भी जारी कर दिया। हालांकि, हुसैन यह कहते रहे कि वह भारत वापसी करने के इच्छुक हैं, पर उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई। हुसैन के तीन चित्र हाल ही में हुई बोनहैम नीलामी में 2.32 करोड़ रुपये में नीलाम हुए। इसमें से एक अनाम तैलीय चित्र में इस किंवदंती चित्रकार ने अपने प्रिय विषय घोड़े और महिला को उकेरा था। अकेला यही चित्र 1.23 करोड़ रुपये में नीलाम हुआ।(इनपुट एजेंसियों से भी)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
मकबूल फिदा हुसैन, चित्रकार, निधन, एमएफ हुसैन