तेजी से पिघल रहे ग्लेशियर (Glaciers) नदियों, धाराओं में बड़े पैमाने पर बैक्टीरिया ( Bacteria) छोड़ सकते हैं. वैज्ञानिकों ने यह चेतावनी दी है. पर्यावरण (Environment) में तेजी से हो रहे बदलाव के कारण वैश्विक तापमान बढ़ रहा है, जिसके कारण बर्फ तेजी से पिघल रही है और बैक्टीरिया, नदियों, सागरों में जा रहे हैं. बीबीसी की रिपोर्ट, के अनुसार, इससे बर्फीला इकोसिस्टम बदल सकता है. इस बैक्टीरिया में खतरनाक पैथोजन भी हो सकते हैं. बीबीसी ने आगे बताया कि यह रिपोर्ट उत्तरी गोलार्ध की 10 जगहों पर की गई स्टडी पर आधारित है. यह स्टडी कम्यूनिकेशन अर्थ एंड एनवायरेनमेंट में प्रकाशित हुई है.
शोधकर्ताओं ने इसमें यूरोप, उत्तरी अमेरिका के आठ और ग्रीनलैंड के ग्लेशियरों से आ रहे पानी पर स्टडी की.
स्टडी में बताया गया कि अगले 80 सालों में पर्यावरण में 100,000 टन माइक्रोब और जुड़ जाएंगे.
उन्होंने बताया कि वैश्विक तापमान में बढ़त को रोके जाने की ज़रूरत है. कितने माइक्रोब ग्लेशियर से रिलीज़ होंगे यह इस बात पर निर्भर करेगा कि ग्लेशियर कितनी जल्दी पिघल रहे हैं और यह ग्रह कितना गर्म होता है.
यह स्टडी उस चेतावनी वाले हालात पर आधारित है जिसमें साल 2100 तक धरती का तापमान 2 से 3 डिग्री सेल्सियस बढ़ने का अनुमान है.
शोधकर्ताओं ने इस स्टडी में एशिया के हिंदुकुश क्षेत्र के ग्लेशियरों की स्टडी नहीं की है.
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