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This Article is From May 12, 2024

"आज़ादी": पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारी विरोध प्रदर्शन, झड़प में 90 घायल

महंगाई, हाई टेक्सेशन और बिजली की कमी के खिलाफ शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन पीओके (PoK Protest) में अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए एक आंदोलन में बदल गया है.

"आज़ादी": पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारी विरोध प्रदर्शन, झड़प में 90  घायल
पीओके में विरोध प्रदर्शन.
नई दिल्ली:

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में इन दिनों अशांति का माहौल है. यहां के लोग विरोध प्रदर्शन (Pok Protest)  कर रहे हैं. इन विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए अधिकारी बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर रहे हैं. शनिवार को हुई झड़पों के दौरान एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई और 90 अन्य लोग घायल हो गए. महंगाई, हाई टेक्सेशन और बिजली की कमी के खिलाफ शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन पीओके में अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए एक आंदोलन में बदल गया है.

प्रदर्शनकारी लगातार "आज़ादी" के नारे लगा रहे हैं. मुजफ्फराबाद और अन्य जिलों में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के साथ लोगों की झड़पें हुईं.जम्मू-कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही है, जिसमें व्यापारी सबसे आगे हैं. शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान करने के बाद से अब तक एक्शन कमेटी के दर्जनों नेताओं और सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है. 

प्रदर्शनकारियों संग पुलिस कर रही बर्बरता

ट्रेडर्स एसोसिएशन मुजफ्फराबाद के अध्यक्ष और सदस्य सौकत नवाज मीर ने कहा, "दादयाल में हमारे शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता के खिलाफ पीओके और खासकर मुजफ्फराबाद में पूरी तरह से शटडाउन और व्हील-जाम हड़ताल होने जा रही है." न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने बताया कि कश्मीर ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी ने यह जानकारी दी.

आजादी की मांग कर रहे स्थानीय लोगों के वीडियो वायरल होने पर उन्होंने कहा, "मैं आज सभी से बाहर आने और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने का आह्वान करता हूं." 

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बता दें कि समिति ने अगस्त 2023 में भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया था.  शौकत नवाज़ मीर ने कहा, "हम बिजली बिलों पर टैक्स लगाए जाने को अस्वीकार करते हैं. इसके बजाय, हमारी मांग है कि उपभोक्ताओं को क्षेत्र में जल विद्युत की उत्पादन लागत के मुताबिक, बिजली दी जानी चाहिए."

"Pok हमेशा भारत का हिस्सा रहा है"

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 5 मई को, इस बात पर जोर देते हुए कि पीओके हमेशा भारत का हिस्सा रहा है, कहा था कि "बहुत खेदजनक स्थिति" जारी है. पिछली सरकारों ने यह सुनिश्चित नहीं किया कि पाकिस्तान आजादी के बाद इस क्षेत्र को खाली कर दे. 

एस जयशंकर ने ओडिशा के कटक में एक इंटरैक्टिव सेशन में कहा था, "पीओके कभी भी इस देश से बाहर नहीं गया. यह हमेशा इस देश का हिस्सा रहा है. भारतीय संसद का एक प्रस्ताव है कि पीओके पूरी तरह से भारत का हिस्सा है. अब, अन्य लोगों को नियंत्रण कैसे मिला? ऐसा तब होता है, जब आपके पास कोई ऐसा व्यक्ति होता है जो घर का जिम्मेदार संरक्षक नहीं है, तो एक बाहरी व्यक्ति आएगा और कुछ चुरा लेगा."

"पीओके एक बार फिर भारत की चेतना में"

उन्होंने कहा, "यहां आपने दूसरे देश को अनुमति दे दी है... ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हमने आजादी के शुरुआती सालों में इन क्षेत्रों से पाकिस्तान को खाली कराने की कोशिश नहीं की, जिससे यह बेहद दुखद स्थिति बनी हुई है. भविष्य में क्या होगा, यह कहना बहुत मुश्किल है लेकिन, मैं हमेशा लोगों से एक बात कहता हूं कि आज पीओके एक बार फिर भारत के लोगों की चेतना में है. हम इसके बारे में भूल गए थे, हमें इसके बारे में भुलाया गया था, लेकिन यह अब निश्चित रूप से वापस आ गया है." .

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