सीमा पार आतंकी एक बार फिर लांचिंग पैडों पर जुटने लगे हैं. सुरक्षा बलों के मुताबिक सरहद पार आतंकी संगठनों और आईएसआई ने मिलकर घुसपैठ की तैयारी तेज कर दी है. बर्फबारी के मौसम में घुसपैठ की घटनाएं बढ़ जाती हैं, इसी कारण आतंकी फिर सक्रिय हो गए हैं. खबर है कि बिलों में दुबके अब फिर से एक्टिव हो रहे है.
सूत्रों के मुताबिक ऑपेरशन सिंदूर के बाद आतंकियों को लांचिंग पैड से हटाकर सीमा से टेरर कैंपों में भेजा गया था, लेकिन अब उनको एलओसी के आसपास आतंकी कैंपो में देखा जा रहा हैं . यह लॉन्चिंग पैड्स सरहद से 1-2 किलोमीटर से करीब 4.5 किलोमीटर दूर स्थित है . खबरों के मुताबिक लगभग 42 लांचिंग पैडों पर उनकी मौजूदगी फिर देखी जा रही है. नौहरा, केरन, तंगधार और रामपुर सेक्टरों में सीमा पार आतंकियों की हलचल बढ़ी है.
बताया जा रहा है कि पाक सेना की मदद से आतंकियों को सीमा के पास लाया गया है और उन्हें घुसपैठ के लिए तैयार किया जा रहा है. हाल ही में आईएसआई और आतंकी संगठनों की बैठक में बर्फबारी से पहले घुसपैठ तेज करने की रणनीति बनाई गई है.
इस खतरे की आशंका को देखते हुए भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों ने सीमा पर निगरानी और चौकसी और सख्त कर दी है. सेना का कहना है उसने सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम कर रखे है. पहले तो आतंकी एलओसी क्रॉस नही कर पाएँगे और अगर किसी भी कर भी लेते है तो उसके बाद का कॉउंटर इंफलिट्रेशन ग्रिड इतना मजबूत है जिसमे सेंध लगाना लगभग नामुमकिन है .
आने वाले दिनों में बर्फबारी की संभावना को देखते हुए सेना प्रमुख मार्गों और पारंपरिक घुसपैठ रास्तों पर नजर रख रही है, ताकि आतंकी संगठन कहीं भी सुरक्षित ठिकाना न बना सकें.जम्मू क्षेत्र में सियोज धार, चिंता, जय घाटी, थानाल्ला जंगल और भद्रवाह के आसपास गश्त बढ़ाई गई है. सैनिक स्नो गियर और आधुनिक उपकरणों के साथ दिन-रात गश्त कर रहे हैं.
सेना ने सर्दियों के लिए जरूरी सामान पहले ही जमा कर लिया है और ड्रोन व सेंसर के जरिए निगरानी भी बढ़ा दी गई है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं.
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