टोक्यो:
जापान परमाणु नियामक प्राधिकरण (एनआरए) ने बुधवार को फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से रिसे रेडियोधर्मी जल के कारण खतरे के स्तर को बढ़ाने की घोषणा की है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार एनआरए ने कहा कि 'इटरनेशनल न्यूक्लियर एंड रेडियोलॉजिकल इवेंट स्केल' (आईएनईएस) के मानक पर वर्तमान दुर्घटना का स्तर तीन के बराबर है। इसका अर्थ है कि घटना गंभीर है और स्थानीय आबादी के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है।
मार्च 2011 में एक भूकंप के बाद संयंत्र पर खतरे का स्तर सात कर दिया गया था जो खतरे का सर्वाधिक स्तर है और 1986 में चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र दुर्घटना के खतरे के बराबर है।
संयंत्र की संचालक कंपनी टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी ने स्वीकार किया कि 300 टन रेडियोएक्टिव जल स्टील के भंडारण टंकियों से रिसकर समुद्र में चला गया है।
वियना स्थित अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने कहा कि टंकियों से रिसाव की घटना स्वयं में स्तर तीन के बराबर की घटना है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार एनआरए ने कहा कि 'इटरनेशनल न्यूक्लियर एंड रेडियोलॉजिकल इवेंट स्केल' (आईएनईएस) के मानक पर वर्तमान दुर्घटना का स्तर तीन के बराबर है। इसका अर्थ है कि घटना गंभीर है और स्थानीय आबादी के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है।
मार्च 2011 में एक भूकंप के बाद संयंत्र पर खतरे का स्तर सात कर दिया गया था जो खतरे का सर्वाधिक स्तर है और 1986 में चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र दुर्घटना के खतरे के बराबर है।
संयंत्र की संचालक कंपनी टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी ने स्वीकार किया कि 300 टन रेडियोएक्टिव जल स्टील के भंडारण टंकियों से रिसकर समुद्र में चला गया है।
वियना स्थित अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने कहा कि टंकियों से रिसाव की घटना स्वयं में स्तर तीन के बराबर की घटना है।
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