नई दिल्ली:
अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन की पहली पत्नी नजवा बिन लादेन ही वास्तव में उसका प्यार थी। दोनों पहले से ही एक-दूसरे को जानते थे, जबकि अपनी अन्य पत्नियों से लादेन निकाह के पहले कभी नहीं मिला। लादेन की जीवनी लिखने वाली ज्यां सेशन ने अपनी पुस्तक 'ग्रोइंग अप बिन लादेन : ओसामाज वाइफ एंड सन टेक अस इंसाड देयर सेक्रेट वर्ल्ड' में इसका खुलासा किया है। सेशन ने आईएएनएस को बताया कि नजवा लादेन की रिश्तेदार थी और निकाह के बाद उसे भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। खासकर रहन-सहन को लेकर उसे कई समझौते करने पड़े। इस पुस्तक की सह-लेखिका नजवा बिन लादेन और उनका बेटा ओमर बिन लादेन हैं, जिन्होंने दुनिया के इस खूंखार आतंकवादी के जीवन से जुड़े कई पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी। लेखिका के अनुसार, "लादेन और नजवा का विवाह प्यार और पसंद पर आधारित था। नजवा की मां लादेन से उसके निकाह के पक्ष में नहीं थीं। वह नहीं चाहती थीं कि उनकी बेटी सीरिया से सऊदी अरब जाए। लेकिन 15 वर्षीया यह सीरियाई लड़की 17 वर्षीय रिश्तेदार लादेन से प्रेम करती थी।" निकाह के बाद सऊदी अरब जाने पर नजवा को कई समझौते करने पड़े। सबसे ज्यादा परेशानी उन्हें रसोई और बच्चे सम्भालने में हुई। एक के बाद एक उनके कई बच्चे हुए और उन्हें एक बड़े परिवार के लिए खाना भी पकाना पड़ता था। ऊपर से लादेन ने उनके द्वारा बिजली, गैस स्टोव और ऐसे ही दूसरे सामान के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। सेशन के मुताबिक, "नजवा अच्छी फोटोग्राफर थी और उसे घुड़सवारी, टेनिस खेलने तथा साइकिल चलाने का भी शौक था। लेकिन लादेन की पत्नी बनने के बाद उसे यह सब छोड़ना पड़ा।" लेखिका के अनुसार, 1996 में लादेन के अफगानिस्तान पहुंचने के बाद भी उसकी जिंदगी स्थिर रही। उसे पहले गुफाओं में और फिर रूसी सैन्य ठिकाने में रहना पड़ा, जहां बिजली भी नहीं थी। लेकिन वह शांत बनी रही और उसने बच्चों को घर में अच्छा माहौल देने की कोशिश की। तोराबोरा की पहाड़ियों में लादेन के परिवार के छिपे रहने के वक्त के बारे में ज्यां ने लिखा है, "उसके बेटे ने कभी ऐसी जिंदगी की कल्पना नहीं थी।" लेखिका के अनुसार, लादेन की पत्नियां सम्भवत: उसके शांत स्वभाव और अपने प्रति बेहद रक्षात्मक रवैये के कारण उससे प्रभावित थीं। लादेन ने कभी किसी और को उनके करीब नहीं आने दिया। वे हमेशा पर्दे में रहीं।