ब्रिटेन के पहले बहु आस्थावान राज्याभिषेक समारोह में किंग चार्ल्स की ताजपोशी : 10 बातें

किंग चार्ल्स तृतीय लंदन के वेस्टमिंस्टर एब्बे में 14वीं शताब्दी के सिंहासन पर 360 साल पुराने सेंट एडवर्ड क्राउन को अपने सिर पर रखकर बैठने वाले सबसे उम्रदराज ब्रिटिश सम्राट बन गए.

ब्रिटेन के पहले बहु आस्थावान राज्याभिषेक समारोह में किंग चार्ल्स की ताजपोशी : 10 बातें

किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक समारोह में करीब 2000 लोग शामिल हुए.

नई दिल्ली/लंदन : सात दशकों में ब्रिटेन के सबसे बड़े औपचारिक आयोजन में आज चार्ल्स तृतीय की सम्राट के रूप में ताजपोशी की गई. यह 1,000 साल पुरानी एक शानदार परंपरा है. हालांकि इस बार यह आयोजन 21 वीं सदी के ब्रिटेन को प्रतिबिंबित करने के लिए मौजूदा समय के मुताबिक किया गया.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. किंग चार्ल्स तृतीय का राज्याभिषेक सन 1937 के बाद से एक ब्रिटिश राजा का पहला राज्याभिषेक है. पिछले सितंबर में चार्ल्स की मां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद यह उनके सम्राट बनने की धार्मिक पुष्टि है.

  2. किंग चार्ल्स और उनकी पत्नी कैमिला छह विंडसर ग्रे घोड़ों द्वारा खींचे जाने वाले डायमंड जुबली स्टेट कोच में एब्बे के लिए रवाना हुए, जिन्‍हें किंग के बॉडीगार्ड और घुड़सवार सेना के सदस्यों ने एस्कॉर्ट किया. 

  3. राज्याभिषेक में केवल 2,000 लोगों को ही आमंत्रित किया गया. 1953 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की ताजपोशी के लिए वेस्टमिंस्टर एब्बे में 8,000 से अधिक मेहमान आए थे. 

  4. इस ताजपोशी के साथ ही किंग चार्ल्स तृतीय लंदन के वेस्टमिंस्टर एब्बे में 14वीं शताब्दी के सिंहासन पर 360 साल पुराने सेंट एडवर्ड क्राउन को अपने सिर पर रखकर बैठने वाले सबसे उम्रदराज ब्रिटिश सम्राट बन गए.

  5. यह एक क्रिश्चियन सर्विस है, लेकिन ब्रिटेन के गैर-ईसाई धर्मों के नेता और इनकी सेल्टिक भाषाओं के नेताओं ने भी इसमें प्रमुख भूमिका निभाई. चार्ल्स और कैमिला के पोते प्रिंस जॉर्ज ने इस भव्य समारोह में आधिकारिक भूमिका निभाई.

  6. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री और हिंदू धर्म के अनुयायी ऋषि सुनक ने ब्रिटेन सरकार के प्रमुख के रूप में बाइबिल पढ़कर इतिहास रच दिया. उन्होंने राज्याभिषेक को "ब्रिटेन के इतिहास, संस्कृति और परंपराओं की एक गौरवपूर्ण अभिव्यक्ति" के रूप में वर्णित किया.

  7. यह आयोजन 1953 में क्वीन एलिजाबेथ के लिए आयोजित हुए आयोजन की तुलना में काफी छोटे पैमाने पर हुआ. दुनिया के सबसे बड़े रंगहीन कटे हुए हीरे वाला राजदंड, सोने के गहनों और बेजवेल्ड तलवारों से लेकर ऐतिहासिक राजचिह्न इसकी विशेषता रही.

  8. प्रिंसेस हैरी और एंड्रयू दोनों ही किंग चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक में शामिल हुए, लेकिन कार्यवाही में उनकी कोई औपचारिक भूमिका नहीं थी. 

  9. सर्विस के बाद किंग और क्वीन एक बड़े औपचारिक "राज्याभिषेक जुलूस" में गोल्ड स्टेट कोच में बकिंघम पैलेस लौटेंगे. उनके साथ शाही परिवार के अन्य सदस्य और लगभग 4,000 ब्रिटिश और राष्ट्रमंडल सैनिक शामिल होंगे.

  10. बकिंघम पैलेस में लौटने के बाद जोड़ी और अन्य ब्रिटिश रॉयल्स सैन्य विमानों द्वारा फ्लाई-पास्ट के दौरान परंपरा के अनुसार बालकनी में अपनी उपस्थिति देंगे. राज्याभिषेक तीन दिनों के कार्यक्रमों का प्रमुख केंद्र बिंदु है. रविवार की शाम को विंडसर कैसल में एक संगीत कार्यक्रम भी होगा.