:रानिया: काहिरा:
लीबियाई शासक मुअम्मर कज्जाफी के वफादार सैन्यबलों ने विपक्ष की मजबूत पकड़ वाले बेंघाजी और तोब्रूक को फिर से अपने कब्जे में लेने के लिए मंगलवार को निर्णायक कार्रवाई करते हुए अजदाबिया को घेर लिया और विद्रोहियों के सामने दो विकल्प रखें कि वे या तो आत्मसमर्पण कर दें या भाग जाएं। लड़ाकू जेट विमान अजदाबिया पर बमबारी करने के लिए विद्रोहियों की पंक्ति के पीछे पड़े हैं जबकि टैंक, गश्ती नौकाओं ने तटीय क्षेत्रों पर गोलाबारी शुरू कर दी है। यह इस रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अजदाबिया के साथ बेंघाजी एवं ताब्रूक पर फिर से कब्जा जमाने की कज्जाफी की निणार्यक कार्रवाई जा पड़ रही है। अलजजीरा के अनुसार लेकिन 10 हजार से अधिक विद्रोहियों ने दो प्रमुख बंदरगाहों बेंघाजी और तोब्रूक की रक्षा के लिए कमर कस ली है । इन्हीं दोनों शहरों से लीबिया से मिस्र के रास्ता गुजरता है। पश्चिमी खुफिया रिपोर्टों में कहा गया है कि लीबियाई टैंक एवं युद्धास्त्र बेंघाजी एवं तोब्रूक पर फिर से कब्जा करने के लिए निर्णयक कार्रवाई के लिए तैयार हैं। कज्जाफी ने लीबिया में हस्तक्षेप के किसी भी पश्चिमी प्रयास के विरूद्ध 3000 सदस्यीय रिवोल्युशनी गार्ड और सशस्त्र खामिश ब्रिग्रेड समेत सेना अपने पास रखी है। जी आठ और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उड़ान वर्जित क्षेत्र :नो फ्लाई जोन :प्रस्ताव पर एक राय नहीं बनने की खबरों के बीच कज्जाफी ने विद्रोहियों के नियंत्रण वाले पूर्वी हिस्से को अपने कब्जे में लाने के लिए अभियान तेज कर दिया है। अपने 41 साल के शासन के खिलाफ विद्रोह के बारे में कज्जाफी ने इतालवी दैनिक के साथ साक्षात्कार में कहा, विद्रोहियों को कोई उम्मीद नहीं है। अब वह एक ऐसे कारण के लिए लड़ रहे हैं जिसमें पराजय सुनिश्चित है। दो ही संभावनाएं हैं- या तो वे आत्मसमर्पण कर दें या भाग जाएं। उन्होंने दावा किया कि विद्रोहियों का ओसामा बिन लादने के साथ संबंध है। उन्होंने यह भी दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को नहीं मालूम कि लीबिया में दरअसल क्या हो रहा है। उन्होंने कहा, लोग हमारे साथ हैं और बाकी दुष्प्रचार है। इसी बीच पेरिस में जी आठ देशों की बैठक में नो फ्लाई जोन को लेकर सहमति नहीं बन पायी। फ्रांस के विदेश मंत्री अलेन जूप्पे ने कहा कि कज्जाफी की सेनाओं को रोकने के लिए लीबियाई विपक्ष को मदद करने में विश्व शक्तियों को काफी देर हो सकती हैं। जी आठ की बैठक में शामिल होने आयीं अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने लीबिया की नेशनल काउंसिल के नेता महमूद जिब्राइल के साथ लीबिया संकट पर चर्चा की। सुरक्षा परिषद में नो फ्लाई जोन के विषय पर चर्चा हुई लेकिन कोई निर्णय नहीं हो पाया।