गौरतलब है कि 51 साल के ऐडम पुरिनटोन ने बुधवार की रात अमेरिका के कनसास में हैदराबाद के दो इंजीनियरों पर नस्लीय टिप्पणी करते हुए गोली चला दी. इनमें से श्रीनिवास कुचिभोटला नाम के इंजीनियर की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं आलोक मदासानी को गंभीर चोटें आई हैं. यह दोनों एक बार में बैठे हुए थे तब उन पर हमला करते हुए ऐडम ने कहा कि 'मेरे देश से निकल जाओ.' इस दौरान ग्रिलोट भी उसी बार में मौजूद थे और वह शूटर से बंदूक छीनने के लिए बीच में आए. अस्पातल में भर्ती ग्रिलोट बताते हैं 'मैंने वही किया जो उस वक्त कोई और भी करता है. इससे क्या फर्क पड़ता है कि वह कौन है या उसकी नस्ल क्या है. हम सब इंसान ही तो हैं.' तस्वीरों में देखा ज सकात है कि उनके गर्दन और हाथ पर पट्टी बंधी है.
श्रीनिवास कुचिभोटला की गोली मारकर हत्या कर दी गई
ग्रिलोट ने बताया कि जब शूटिंग शुरू हुई तो वह टेबल के नीचे छिप गुए और तब बाहर आए जब उन्हें लगा कि गन की मैगेज़ीन खाली हो गई है. उन्होंने बताया कि शूटर ने उन पर नौ गोलियां चलाईं जो उनकी छाती, गर्दन और हाथ पर लगी. इसके बाद उन्होंने खुद को अस्पताल में पाया. ग्रिलोट ने कहा कि वह खुद को बेहद खुशनसीब समझते हैं कि वह बच गए.
उन्होंने बताया कि इस गोलीबारी में बाल बाल बचे आलोक मदासानी उनसे मिलने अस्पताल आए थे. ग्रिलोट ने बताया कि 'जो शख्स बच गया था वह मुझसे मिलने आया था. उनकी पत्नी पांच महीने से गर्भवती हैं. अपने दोस्त को खोना दर्दनाक है. उन्हें देखकर मेरे चेहरे पर खुशी आ गई.' बताते चलें कि 32 साल के श्रीनिवास कुचिभोटला की एक बार में गोली मारकर हत्या कर दी गई. वह कनसास की अमेरिकी मल्टीनेश्नल कंपनी गार्मिन में काम करते थे और उनके परिवार में पत्नी सुनयना हैं जो आईटी क्षेत्र में ही काम करती हैं.
विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया है कि वह कनसास की गोलीबारी में श्रीनिवास की हत्या से सकते में हैं. उन्होंने लिखा कि पीड़ित के परिवार को हर तरह की मदद दी जाएगी. नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने भी कनसास में हुई गोलीबारी की कड़े शब्दों में निंदा की है. उन्होंने श्रीनिवास के परिवार और दोस्तों के प्रति सहानुभूति जताते हुए कहा है कि अमेरिका अप्रवासियों का देश है और यहां दुनिया भर से काम, मनोरंजन, पढ़ाई के लिए आने वाले लोगों का स्वागत है. अमेरिकी सरकार इस मामले की पूरी पड़ताल करेगी और केस चलाएगी, हालांकि हम जानते हैं कि न्याय इस परिवार के दुख को कम करने के लिए एक बहुत छोटी से सांत्वना से ज्यादा कुछ नहीं हो सकता.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं