
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की वॉशिंगटन में जनरल इलेक्ट्रिक (General Electric) के अध्यक्ष एच. लॉरेंस कल्प जूनियर (H Lawrence Culp Jr) से मुलाकात के कुछ ही घंटे बाद बहुराष्ट्रीय समूह की एयरोस्पेस शाखा ने घोषणा की कि उसने भारतीय वायुसेना के लिए लड़ाकू जेट इंजन बनाने की खातिर हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
GE एयरोस्पेस द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि इसका समझौता ज्ञापन (MoU) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के बीच 'बड़ा मील का पत्थर' है और 'दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मज़बूत करने में अहम तत्व' है.
बयान के मुताबिक, समझौते में भारत में GE एयरोस्पेस के F414 इंजन का संभावित संयुक्त उत्पादन शामिल है. इसमें कहा गया, "GE एयरोस्पेस इसके लिए आवश्यक निर्यात अधिकार हासिल करने के लिए अमेरिकी सरकार के साथ काम कर रहा है... यह प्रयास भारतीय वायुसेना के हल्के लड़ाकू विमान (LCA) Mk2 कार्यक्रम का हिस्सा है..."
GE के अध्यक्ष तथा GE एयरोस्पेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) एच. लॉरेंस कल्प जूनियर ने कहा, "यह ऐतिहासिक समझौता भारत और HAL के साथ हमारे दीर्घकालिक गठजोड़ के कारण संभव हुआ है..."
उन्होंने कहा, "हमें (अमेरिकी) राष्ट्रपति जो बाइडेन और (भारत के) प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी के दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में भूमिका निभाने पर गर्व है... हमारे F414 इंजन बेजोड़ हैं और दोनों देशों को महत्वपूर्ण आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा लाभ प्रदान करेंगे, क्योंकि हम अपने ग्राहकों को बेहतरीन क्वालिटी के इंजन तैयार करने में मदद करते हैं, ताकि उनके सैन्य बेड़े की ज़रूरतों को पूरा किया जा सके..."
इससे पहले गुरुवार को ही प्रधानमंत्री कार्यालय ने GE प्रमुख के साथ प्रधानमंत्री की तस्वीरें ट्वीट की थीं. PMO ने ट्वीट किया था, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनरल इलेक्ट्रिक के CEO एच. लॉरेंस कल्प जूनियर के साथ सार्थक चर्चा की... उन्होंने भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए GE के व्यापक प्रौद्योगिकी सहयोग पर चर्चा की..."
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