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This Article is From Mar 12, 2011

जापान में 1700 मरे, परमाणु संयंत्र में विस्फोट

वाशिंगटन/टोक्यो: जापान में आए शक्तिशाली भूकंप और सुनामी के बाद शनिवार को एक परमाणु बिजली संयंत्र में विस्फोट हो गया जिससे वह इमारत नष्ट हो गई जिसमें रिएक्टर था। इससे यहां विकिरण का खतरा पैदा हो गया है। इसबीच भूकंप और सुनामी में मरने वालों की संख्या भी 1,700 को पार कर गई है। सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि परमाणु संयंत्र में विस्फोट के कारण आसपास की इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। इससे यहां कुछ लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद सरकार ने राष्ट्रव्यापी परमाणु अलर्ट घोषित कर दिया। अपने परमाणु उर्जा संयंत्रों से रिसाव रोकने के प्रयास के तहत जापान पहले ही पांचों परमाणु संयंत्रों पर आपातकाल लगा चुका है। जापानी समाचार एजेंसी क्योदो की एक रिपोर्ट के अनुसार तोक्यो से महज 250 किलोमीटर उत्तर में स्थित फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के मुख्य रिएक्टर में आज अपराह्न विस्फोट हुआ जिससे रेडियोधर्मी रिसाव होने लगा। इस रिसाव की चपेट में आने से चार लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने संयंत्र के 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले करीब 45 हजार लोगों को अपने घरों से हट जाने और सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा है। जापानी प्रधानमंत्री नाओतो कान ने आज एक हेलीकाप्टर से रिसाव कर रहे संयंत्र का जायजा लिया जिसके बाद जापानी परमाणु वैज्ञानिकों ने रिसाव की पुष्टि की। उन्होंने कहा, संयंत्र का वह हिस्सा पिघल रहा है जहां परमाणु ईंधन होता है। स्थानीय मीडिया की खबरों में कहा गया है कि स्थानीय समयानुसार अपराह्न साढ़े तीन बजे हुए अत्यंत तीव्र विस्फोट में वह मुख्य इमारत उड़ गई जिसमें रिएक्टर था। इसके साथ ही बाहरी दीवारें भी उड़ गईं। दरअसल भूकंप से मुख्य संयत्र तबाह हो गया था और वाष्पीकरण से कुलिंग वाटर स्तर में खतरनाक हद तक गिरावट आई थी। टीवी फुटेज में स्थल से धुएं उठते दिखाए जा रहे हैं। उनकी रिपोटरें में कहा जा रहा है कि रिएक्टर की इमारत तबाह हो गई है। समाचार चैनल तथा सार्वजनिक प्रसारक ने निकटवर्ती इलाकों के बाशिंदों को खबरदार किया है कि वह एयर कंडिशनर नहीं चलाएं और टेप के पानी का उपयोग नहीं करें। बाहर जा रहे लोगों को अपनी त्वचा नंगी नहीं रखने और अपने चेहरों को मास्क या गीले तौलियों से ढकने की हिदायत दी जा रही है। एजेंसी ने कहा है कि शुक्रवार के भूकंप से हुए नुकसान में इजाफा हुआ और मारे गए या लापता लोगों की संख्या 1600 हो गई है। इस बीच अधिकारियों ने बताया कि सभी पांच परमाणु संयंत्रों में आपातकाल घोषित कर दिया गया क्योंकि सभी इकाइयों में कुलिंग क्षमता खत्म हो गई है। अमेरिका ने विमान से कुलेंट रवाना किया है। अधिकारियों का कहना है कि सुनामी की लहरों से दाइची संयंत्र संख्या एक को बहुत नुकसान पहुंचा है। भूकंप के कारण संयंत्र तक विद्युत आपूर्ति ठप पड़ गई। इसके चलते वह ताप और आंतरिक दबाव झेल नहीं कर पाया और फट गया। पहले फुकूशिमा इलाके में परमाणु उर्जा संयंत्र के नियंत्रण कक्ष में रेडियोधर्मी विकिरण में अचानक सामान्य से एक हजार गुणा ज्यादा इजाफे का पता चला था। तब अधिकारियों ने कहा था कि दरवाजे के बाहर यह मात्रा सामान्य से केवल आठ गुणा ज्यादा है और उससे फिलहाल स्वास्थ्य को कोई खतरा नहीं है। जापान की परमाणु सुरक्षा एजेंसी के अनुसार फुकुशिमा दायिचि परमाणु संयंत्र के छह में से एक बायलर में प्रेशर सामान्य से 1.5 प्रतिशत बढ़ गया। परमाणु एवं औद्योगिक सुरक्षा एजेंसी ने परमाणु इकाई का संचालन करने वाली बिजली कंपनी को संयंत्र के कंटेनर से दबाव घटाने के लिए वाल्व खोलने का एक अभूतपूर्व आदेश जारी किया। इससे पहले स्थानीय सरकार ने जापानी प्रधानमंत्री कान के आदेश पर परमाणु संयंत्र संख्या 1 के 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले और परमाणु संयंत्र संख्या 2 के तीन किलोमीटर के दायरे में रहने वाले करीब तीन हजार लोगों को वहां से हटने का निर्देश जारी किया। इस बीच जापान ने भूकंप से तबाह हुए उत्तरपूर्वी हिस्से में जोरदार राहत अभियान शुरू किया है। कैबिनेट सचिव युकियो एदानो ने आपात आपदा मुख्यालय में एक बैठक में कहा, यह मेइजी काल :1868-1912: के बाद सबसे बड़ा भूकंप था और माना जा रहा है कि इसमें एक हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है। एदानो ने सरकार का संकल्प दोहराते हुए कहा कि आपदा प्रभावित इलाकों में राहत पहुंचाई जाएगी। इस बीच क्योदो समाचार एजेंसी ने राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी के हवाले से कहा है कि मरने वाले और लापता लोगों की संख्या एक हजार से ज्यादा हो गई है। इस बीच 217 शव बरामद किए जा चुके हैं। वर्ष 1923 के बाद आए सबसे शक्तिशाली भूकंप के चलते घरों, जहाजों, वाहनों और पेट्रोकेमिकल संयंत्रों को बहुत नुकसान पहुंचा है। अधिकतर शवों को सेनंदाई से बरामद किया गया है। क्योदो समाचार एजेंसी के मुताबिक राहत के लिए हजारों सैनिक, 300 विमान और 40 जहाजों को लगाया गया है। आइवेत प्रीफेक्चर और अन्य जगहों पर कम से कम 60 से ज्यादा लोगों की जान जाने की आंशका जताई जा रही है। राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी के मुताबिक 531 लोगों के लापता होने की सूचना है और समुद्री लहरों और भूकंप की वजह से 627 लोग घायल हो गए। सरकारी टेलीविजन एनएचके की खबरों के मुताबिक सुनामी की वजह से 100 से ज्यादा लोगों को लेकर जा रहा जहाज लापता हो गया है। क्योदो के मुताबिक अग्निशमन और आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा है कि आईवेट, मियागी, अकिता, फुकुशिमा, इबारदी, चिबा और कानागावा में 80 से ज्यादा जगहों से आग लगने की खबर मिली है। भूकंप के चलते निगाता में भूस्खलन और हिमस्खलन हुआ है जिसकी वजह से लकड़ी से निर्मित कुछ घर भी ध्वस्त हो गए है। क्योदो के अनुसार, फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है और न ही इस भूकंप के बाद किसी नयी सुनामी की चेतावनी जारी की गयी है। निगाता में आधे घंटे के अंतराल में भूकंप के दो झटके महसूस किए गए। जापान के भूकंप से धरती इतनी ज्यादा हिली कि इसके घूमने की गति तेज हो गई। इसके चलते दिन सामान्य से थोड़ा छोटा हो गया। अमेरिकी अंतरिक्ष एजंेसी के भूभौतिकी विज्ञानी रिचर्ड ग्रास ने गणना करने के बाद बताया कि पृथ्वी की अपनी धुरी पर चक्कर लगाने की गति 1.6 माइक्रोसेकंड बढ़ गई। ऐसा कल 8.9 की तीव्रता का भूकंप का झटका आने के कारण हुआ। एक माइक्रोसेकंड सेकंड का दस लाखवां हिस्सा होता है।

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