इजरायल-गाजा युद्ध (Israel Gaza War) अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस युद्ध की वजह से गाजा में एक बार फिर से मानवीय संकट खड़ा हो गया है. उत्तरी गाजा में इन दिनों अकाल (North Gaza Famine Condition) जैसी स्थिति है. गाजा के लोग भुखमरी से कुछ ही कदम दूर हैं, यहां खाने के लाले पड़ने लगे हैं. 23 जनवरी के बाद से कोई भी मानवीय सहायता उत्तरी गाजा के लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है, यह चेतावनी मंगलवार को वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की तरफ से दी गई. गाजा पट्टी में गंभीर मानवीय आपातकाल सामने आने के बाद से वहां की मुख्य संयुक्त राष्ट्र सहायता एजेंसी इससे निपटने के लिए लगातार संघर्ष कर रही है. उन्होंने दूसरों से भी सख्त जरूरत वाले हजारों फिलिस्तीनियों तक मदद पहुंचाने का आह्वान किया.
ये भी पढ़ें-Explainer : क्या वाकई गाजा में रुकेगा युद्ध, बाइडन के दावे में कितना दम? हमास-इजरायल की शर्तें क्या?
गाजा में व्यापक भुखमरी की चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के डिप्टी डायरेक्टर जनरल, मॉरीज़ियो मार्टिना ने चेतावनी देते हुए कहा कि गाजा में करीब 97 प्रतिशत जमीन का पानी "कथित तौर पर पीने योग्य नहीं है, जिसकी वजह से कृषि उत्पादन में गिरावट आ रही है. वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि सहायता तैयार है और बॉर्डर पर गाजा में जाने का इंतजार कर रही है.
"कुछ शर्तों के साथ ही उत्तरी गाजा में पहुंचेगा खाना"
स्टीफ़न दुजारिक ने मीडिया से कहा, "डब्ल्यूएफपी के सहयोगियों ने हमें यह भी बताया है कि गाजा के साथ बॉर्डर पर उनके पास फूड सप्लाई है, लेकिन कुछ शर्तों के साथ ही वह पूरे पट्टी इलाके में 2.2 मिलियन लोगों तक खाना पहुंचा सकेंगे."उन्होंने कहा, "15,000 मीट्रिक टन भोजन ले जाने वाले करीब 1,000 ट्रक मिस्र के रास्ते जाने के लिए तैयार हैं." ओसीएचए के प्रवक्ता जेन्स लार्के ने मंगलवार को जिनेवा में कहा कि इरायली सेनाएं उनको गाजा तक पहुंचने से रोक रही हैं.
उत्तरी गाजा में किसी भी मदद को पिछले दिनों इजरायली अधिकारियों ने भेजना अस्वीकार कर दिया. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, गाजा में आखिरी बार मदद भेजने की परमिशन 23 जनवरी को दी गई थी. इस बीच, गाजा में मुख्य संयुक्त राष्ट्र सहायता एजेंसी, UNRWA प्रमुख ने पिछले हफ्ते कहा था कि "ब्रेकिंग पॉइंट पर" है, क्योंकि मदद भेजने वालों नें फंडिंग रोक दी है. इजरायल इस निकाय को नष्ट करने के लिए दबाव डाल रहा है और मानवीय ज़रूरतें बढ़ रही हैं. अन्य एजेंसियों ने 15 सदस्यीय निकाय से कहा कि सुरक्षा परिषद को इस पर एक्शन लेना चाहिए. स्काऊ ने कहा, "हम सभी को दोगुनी मेहनत करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करते हुए अपनी जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए कि ऐसे हालात हमारी निगरानी में पैदा न हों."
ये भी पढ़ें-भारत ने युद्धग्रस्त गाजा की स्थिति पर जताई 'चिंता'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं