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गाजा में बदतर हुए हालात! इजरायल को UN सुरक्षा परिषद के 14 देशों की चेतावनी लेकिन बचाने आया अमेरिका

इजरायली सेना ने बुधवार को गाजा शहर के आसपास अपने सैन्य अभियान को और तेज कर दिया जबकि दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध के बाद गाजा का क्या करना है, इसकी योजनाओं पर एक बैठक की मेजबानी की. 

गाजा में बदतर हुए हालात! इजरायल को UN सुरक्षा परिषद के 14 देशों की चेतावनी लेकिन बचाने आया अमेरिका
  • गाजा में इजरायली सेना ने अपने सैन्य अभियान को तेज करते हुए शहर के आसपास हमले बढ़ा दिए हैं.
  • UN सुरक्षा परिषद के 14 देशों ने गाजा में अकाल रोकने और अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने पर जोर दिया.
  • अमेरिका को छोड़कर सभी सदस्यों ने गाजा में भूखमरी को युद्ध का हथियार मानते हुए तत्काल रोकने की मांग की.
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गाजा हर बीते दिन के साथ तबाह हो रहा है, गोलियांऔर बम-बारूद ही नहीं भूखमरी भी इंसानों को हर घंटे मौत के घाट उतार रही है. लेकिन इजरायल का हमला बिना रुके जारी है. इजरायली सेना ने बुधवार को गाजा शहर के आसपास अपने सैन्य अभियान को और तेज कर दिया जबकि दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध के बाद गाजा का क्या करना है, इसकी योजनाओं पर एक बैठक की मेजबानी की. 

इस बीच बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक भी हुई. इस बैठक के बाद इजरायल के सदाबहार दोस्त अमेरिका को छोड़कर सभी 14 सदस्यों ने एक संयुक्त घोषणा जारी कर कहा कि गाजा में अकाल को तुरंत रोकना चाहिए. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के समर्थन वाली वो एजेंसी जो दुनिया भर में अकाल-भूखमरी को ट्रैक करती है- IPC- उसके काम पर भरोसा जताया.

घोषणा में कहा गया, "युद्ध के हथियार के रूप में भुखमरी का उपयोग अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित है. गाजा में अकाल को तुरंत रोका जाना चाहिए." वहीं सेव द चिल्ड्रन के अध्यक्ष इंगर एशिंग ने सुरक्षा परिषद को बताया कि चैरिटी के "क्लिनिक लगभग चुप हैं," उन्होंने कहा: "अब, बच्चों में बोलने या पीड़ा में रोने की भी ताकत नहीं है."

गाजा में क्या हैं हालात?

इजरायल पर गाजा में अपने लगभग दो साल के अभियान को समाप्त करने के लिए घरेलू और विदेश दोनों जगह दबाव बढ़ रहा है, जहां संयुक्त राष्ट्र ने अकाल की घोषणा की है.

जमीन पर, गाजा की नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि इजरायली हमलों और गोलीबारी में बुधवार को कम से कम 38 लोग मारे गए, जिनमें गाजा शहर में 16 लोग शामिल थे. वहीं इजरायली सेना, जो गाजा शहर पर कब्जा करने की तैयारी कर रही है, उसने कहा कि सैनिक क्षेत्र के सबसे बड़े शहर के बाहरी इलाके में "आतंकवादी बुनियादी ढांचे के स्थलों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने" के लिए काम कर रहे हैं.

पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछले हफ्ते कहा था कि उन्होंने सभी शेष बंदियों की रिहाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से तत्काल बातचीत का आदेश दिया है, साथ ही गाजा शहर पर कब्जा करने की योजना को दोगुना कर दिया है. वहीं जंग रोकन की कोशिश में लगे प्रमुख मध्यस्थ कतर ने मंगलवार को कहा कि वह अभी भी नवीनतम युद्धविराम प्रस्ताव पर इजरायल से "उत्तर की प्रतीक्षा कर रहा है". इस प्रस्ताव में शुरूआत में 60-दिनों के लिए संघर्ष विराम और उस दौरान इजरायल के हिरासत में मौजूद फिलिस्तीनियों के बदले में इजरायली बंधकों की रिहाई होगी.

गौरतलब है कि अक्टूबर 2023 में जब इजरायल पर हमास ने हमला किया था तो उसमें 1,219 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे. वहीं हमास द्वारा संचालित गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार (जिसे संयुक्त राष्ट्र विश्वसनीय मानता है) इजरायल के जवाबी हमले में कम से कम 62,895 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें से अधिकांश नागरिक हैं.

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