इजरायल-हमास युद्ध (Israel-Hamas War) की सबसे ज्यादा कीमत गाजा के आम लोग चुका रहे हैं. गाजा में मानवीय सहायता (Humanitarian Aid) नहीं पहुंचने के कारण आगामी कुछ दिनों में अकाल और भुखमरी का अंदेशा जताया जा रहा है. भूख से तड़पते गाजा के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice) का एक आदेश उम्मीद की किरण लेकर आया है. ICJ ने अपने आदेश में साफ कहा है कि गाजा में मानवीय और आधारभूत सहायता फौरन और बिना किसी रुकावट या देरी के पहुंचनी चाहिए. यह आदेश ऐसे वक्त में आया है जब इस युद्ध को छह महीने होने जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि गाजा में अगले कुछ हफ्तों में अकाल के हालात हो सकते हैं.
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने यह आदेश साउथ अफ्रीका की अर्जी पर दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि इजरायल मदद ना रोके. इजरायल पर आरोप है कि वो मानवीय सहायता ले जा रहे ट्रकों की जांच में जानबूझकर देरी कर रहा है, जिसके कारण मिस्र की तरफ रफा सीमा पर ट्रकों की लंबी लाइन लग गई है. इजरायल की शर्त है कि बिना जांच के कोई भी सहायता ट्रक गाजा में नहीं घुस सकता है.
हालांकि इजरायल ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है. कोर्ट के आदेश के जवाब में इजरायल के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि आरोप निराधार हैं. इजरायल नए तरीकों से गाजा के अंदर सहायता पहुंचाने की कोशिश कर रहा है ताकि जमीन, समुद्र और हवाई रास्ते से सहायता गाजा पहुंच सके.
इजरायल ने कहा कि गाजा के हालात के लिए हमास जिम्मेदार है क्योंकि युद्ध उसने शुरू किया था. उसने ये भी आरोप लगाया है कि गाजा पहुंचने वाली अधिकतर मानवीय सहायता हमास हथिया लेता है और संयुक्त राष्ट्र बाकी बचा सामान भी आम नागरिकों में नहीं बांट पाता है.
इजरायल ने लगाई जरूरत से ज्यादा पाबंदियां : तुर्क
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने आरोप लगाया है कि गाजा में भुखमरी और अकाल के हालात इसलिए बने हैं क्योंकि इजरायल ने मानवीय सहायता और बाकी सामान को पहुंचाने और वितरण पर जरूरत से ज्यादा पाबंदियां लगाई हैं. अधिकतर आबादी अपनी जगह से बेघर हो गई है और जरूरी सिविलियन इंफ्रास्ट्रक्चर बर्बाद हो चुका है.
वर्ल्ड फूड प्रोग्राम और अन्य संगठनों ने कहा कि गाजा में भयावह हालात बन रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि मई तक गाजा के उत्तर में अकाल जैसी स्थिति हो सकती है. वहीं संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षकों के मुताबिक, गाजा में 31 लोगों की मौत कुपोषण और शरीर में पानी की कमी के कारण हो चुकी है, इनमें से 27 बच्चे हैं.
आदेश मनवाने का कोई साधन और तरीका नहीं
ICJ के आदेश वैसे तो कानूनी तौर पर बाध्यकारी होते हैं, लेकिन कोर्ट के पास आदेश मनवाने का कोई साधन और तरीका नहीं है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र की अकेली ऐसी संस्था है, जो आदेश को मनवाने के लिए कदम उठा सकती हैं.
इजरायली हमलों में गाजा में 32 हजार से ज्यादा की मौत
7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला किया था, जिसमें करीब 1200 से ज्यादा इजरायली नागरिक मारे गए थे और करीब 250 से ज्यादा को अगवा कर लिया गया था. अगवा किए गए लोगों में से 130 का अब तक पता नहीं है और 34 के बारे में माना जा रहा है कि उनकी मौत हो चुकी है. उधर, गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इजरायली जवाबी हमले में 32, 623 लोगों की मौत हो चुकी है और इनमें करीब 25 हजार महिलाएं और बच्चे हैं.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रस्ताव पास कर कहा है कि फौरन युद्धविराम हो और साथ ही सभी इजरायली बंधकों को हमास तुरंत छोड़े.
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