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7 अक्टूबर की 'बड़ी नाकामी': इजरायल के आर्मी चीफ ने मानी चूक, कई सीनियर अफसरों को किया बर्खास्त

इजरायल के आर्मी चीफ जमीर ने इस बात पर जोर दिया कि IDF का सबसे अहम मिशन यानी इजरायली नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, उस दिन विफल हो गया था.

7 अक्टूबर की 'बड़ी नाकामी': इजरायल के आर्मी चीफ ने मानी चूक, कई सीनियर अफसरों को किया बर्खास्त
इजरायल के आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल इयाल ज़मीर
  • 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल में घुसकर लगभग 1200 लोगों की हत्या की थी और 240 को बंधक बनाया था
  • इजरायल के सैन्य प्रमुख ने 23 नवंबर को कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को 7 अक्टूबर की विफलताओं के लिए बर्खास्त किया
  • जमीर ने कहा कि इजरायली सेना ने 7 अक्टूबर को अपने मुख्य मिशन को पूरा नहीं किया- जो नागरिकों की सुरक्षा थी
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7 अक्टूबर 2023. यही वो तारीख थी जब हमास इजरायल के अंदर घुस आया था और लगभग 1200 लोगों की हत्या के साथ 240 लोगों को बंधक बना लिया था. इसके बाद ही हमास और इजरायल के बीच वह जंग शुरू हुई जिसने दो साल में गाजा को नर्क बना दिया. अब इजरायल के सैन्य प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल इयाल ज़मीर ने रविवार, 23 नवंबर को कई सीनियर सैन्य अफसरों को बर्खास्त कर दिया और 7 अक्टूबर, 2023 को विफलताओं में उनकी भूमिका पर दूसरों को फटकार लगाई.

रविवार को इजरायल की जनता को दिए अपने संबोधन में जमीर ने इजरायल के सर्वोच्च सैन्य पद को संभालने के बाद अपने साथ किए गए दो जरूरी मिशनों को याद किया. पहला इजरायली सेना (IDF) को बहु-क्षेत्रीय युद्ध में निर्णायक जीत की ओर ले जाना और दूसरा इजरायली सेना में जनता के विश्वास को मजबूत करना, यह सुनिश्चित करना कि 7 अक्टूबर की घटनाएं फिर कभी न हों.

जमीर ने इस बात पर जोर दिया कि IDF का सबसे अहम मिशन यानी इजरायली नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, उस दिन विफल हो गया था. उन्होंने कहा, "मेरे निष्कर्ष एक साफ तस्वीर प्रस्तुत करते हैं: IDF 7 अक्टूबर को अपने प्राथमिक मिशन - इजरायल के नागरिकों की रक्षा करने में विफल रहा. यह एक गंभीर, बड़ी और प्रणालीगत विफलता है... उस दिन जो सबक मिले, वो असंख्य और महत्वपूर्ण हैं."

उन्होंने अब बताया कि क्या कदम उठाए गए हैं. उन्होंने बताया कि कई प्रमुख जनरलों को रिजर्व सेवा से हटा दिया गया है. इनमें अहरोन हलीवा, ओडेड बास्युक और यारोन फिंकेलमैन शामिल हैं- तीनों ने हमले के दिन ऑपरेशनल या खुफिया जिम्मेदारी संभाली थी. वहीं वायु सेना कमांडर मेजर जनरल तोमर बार, नौसेना कमांडर वीएडीएम डेविड सार सलामा, और मेजर जनरल श्लोमी बाइंडर को फटकार लगाई गई है. इसके अलावा कई ब्रिगेडियर जनरलों और कर्नलों को रिजर्व ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया या वो रिटायर हो जाएंगे.

जमीर ने यह भी माना कि इस कठोर फैसले का भावनात्मक बोझ भी बहुत है. उन्होंने कहा, "मेरे अधीनस्थों (सबऑर्डिनेट), ऐसे निर्णय लेना आसान नहीं है जो उन लोगों को प्रभावित करते हैं जिनकी मैं सराहना करता हूं... वे लोग जिनके साथ मैंने कई सालों तक कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष किया. लेकिन इसके साथ ही... कमांड जिम्मेदारी का एक स्पष्ट मानक (स्टैंडर्ड) स्थापित करने का दायित्व है... अगर हम जिम्मेदारी की अहमियत को पैना नहीं करते हैं, तो सिस्टम में विश्वास खत्म हो जाएगा."

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जिन सैन्य अधिकारियों के खिलाफ फैसला लिया गया है, उन्होंने पिछले दो साल में इजरायल को जंग में बड़ी उपलब्धियां भी दिलाई हैं. साथ ही उन्होंने दशकों से देश की सेवा करने वाले इन अधिकारियों को अपमानित करने की किसी भी सामाजिक प्रवृत्ति के खिलाफ चेतावनी दी है.

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