
कुछ साल पहले जहां खूनी मंजर देखने को मिलता था, वह जगह लवर्स के मीटिंग का फेवरेट प्वाइंट बन चुका है. अल-नैम स्क्वायर (Al-Naim square) आज पूरी तरह से बदल चुका है. यह प्रेमियों, परिवारों और दोस्तों के लिए फेवरेट प्लेस बन चुका है. लेकिन पहले ऐसी स्थितियां नहीं थी. सीरिया में आईएसआईएस (ISIS) के शासन काल में लोग यहां आने से डरते थे. यहां लोगों को फांसी दी जाती थी. स्थानीय लोग इसे 'जहन्नुम वाला चौक' कहते थे. यहां पर खूब कत्लेआम हुआ करता था. जिहादियों ने चौक पर इस्लामी शरिया कानून के तहत कई लोगों को सूली पर चढ़ाया तो कई के सिर काट दिए. यहां बैठे 25 वर्षीय नादर अल हुसैन कहते हैं कि पहले हम इसके पास से गुजरने से बचते थे, ताकि हमें खून और भयावहता न दिखे. हुसैन कहते हैं कि मैंने अपनी प्रेमिका से मिलने की कभी हिम्मत नहीं की. हम केवल फोन पर बात करते थे, इस डर से कि हमें कोई सजा न मिल जाए.
यहां बैठे लोगों ने एएफपी को बताया कि हम पहले बच्चों को यहां कभी नहीं लाते थे, ताकि वे कटे हुए सिर को लटके हुए न देखें. अहमद अल-हमद कहते हैं कि यह गोल चक्कर हमें उस त्रासदी की याद दिलाता है, जिसमें हम जी रहे थे. यह हमें उस समय के दुखद चीजों की याद दिलाता है. 24 वर्षीय मनाफ कहते हैं कि अल-नैम चौक अब जन्नत सा दिखता है. यहां कपल आते हैं. बच्चे यहां आसपास खेलते हैं और लोग यहां से अपनी सेल्फी भी खीचते हैं.
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आईएसआईएस (ISIS)के जाने से बहुत सारी चीजों में सकारात्मक तब्दीलियां देखने को मिली हैं. यहां पर केंद्रीय फव्वारे (central fountain) का निर्माण हो चुका है. फव्वारे के चारों ओर धनुषाकार स्तंभ बनाए गए हैं. यहां साइड पूल के पास लोगों के बैठने के लिए बेंच लगाए गए हैं. रात में अलग-अलग रंगों की लेजर लाइटों से चौक का नजारा देखने लायक बनता है. गोल चक्कर के आसपास कैफे और रेस्तरां बन चुके हैं.
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