
अमेरिका में एक नामचीन हिंदू ऑर्गेनाइजेशन के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं. आरोप है कि इसने मंदिरों के निर्माण में काम कराने को लेकर भारतीय मजदूरों को लालच दिया और सैकड़ों मजदूरों को कम मजदूरी पर काम करने के लिए मजबूर किया. बता दें कि इस साल मई में भारतीय श्रमिकों ने बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) के खिलाफ आरोप लगाते हुए यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ( US District Court)में एक मुकदमा दायर किया था. हालांकि बीएपीएस के अधिकारियों ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि बीएपीएस पर भारत के मजदूरों को अटलांटा, शिकागो, ह्यूस्टन और लॉस एंजिल्स के पास मंदिरों में काम करने के लिए लुभाने का आरोप लगाया गया है. साथ ही रॉबिंसविले, न्यू जर्सी में उन्हें हर माह केवल 450 अमरीकी डालर का भुगतान किया गया. साथ ही सैकड़ों श्रमिकों का शोषण करने का भी आरोप लगा है. मजदूरों को साल 2018 के आसपास धार्मिक वीजा पर अमेरिका लाया गया था. साथ ही कहा गया कि न्यू जर्सी साइट पर विषम परिस्थितियों में घंटों काम करने के लिए कहा जाता था.
COP26 Summit : जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए चीन और अमेरिका ने मिलाया हाथ, सहयोग पर बनी सहमति
इंडिया सिविल वॉच इंटरनेशनल (ICWI) ने मई में पीटीआई को दिए एक बयान में कहा था कि 11 मई को सुबह में एफबीआई की छापेमारी में लगभग 200 श्रमिकों को बचाया गया, उनमें से ज्यादातर दलित, बहुजन और आदिवासी थे. आईसीडब्ल्यूआई ने कहा था कि श्रमिकों को 1.2 अमेरिकी डॉलर प्रति घंटे का भुगतान किया जा रहा था, जो कि काफी कम है. मजदूरों को नियमानुसार न्यूनतम वेतन 7.25 अमेरिकी डॉलर प्रति घंटा दिया जाना चाहिए था.
NSA अजित डोभाल की अध्यक्षता में अफगानिस्तान के हालात पर बैठक, रूस-ईरान शामिल
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं