वाशिंगटन:
अमेरिका ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर सीधे हमला करने से पहले उसके हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा जैसे चरमपंथी संगठनों से संबंधों के पक्ष में ठोस प्रमाण पेश किया है। यह जानकारी पेंटागन के अधिकारियों ने दी है। नाम नहीं बताने की शर्त पर पेंटागन के एक रक्षा अधिकारी ने कहा, उसने (आईएसआई) उन्हें (चरमपंथी संगठनों को) वित्तीय सहायता प्रदान की। वह तकनीकी सहयोग भी करता है। वे (पाकिस्तानी अधिकारी) उसे सुरक्षित पनाहगाह उपलब्ध करवा रहे हैं। रक्षा मंत्रालय के एक-दूसरे अधिकारी ने कहा कि पेंटागन लंबे समय से इस तरह के साक्ष्यों को पाकिस्तान को उपलब्ध करा रहा है लेकिन हाल ही में काबुल स्थित होटल और अमेरिकी दूतावास पर हमले के बाद वह सभी सीमाओं को पार कर गया। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने इन्हें सार्वजनिक करने का निर्णय किया लेकिन वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ये सबूत आईएसआई और हक्कानी नेटवर्क तथा लश्कर-ए-तैयबा समेत चरमपंथी संगठनों के बीच संबंधों के लिहाज से ठोस प्रमाण देते हैं। हालांकि इस अधिकारी ने अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दिए गए सबूतों के प्रकार के बारे में बताने से इनकार कर दिया। ये सबूत ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष माइक मुलेन द्वारा कांग्रेस समिति के समक्ष पिछले हफ्ते दिए गए बयान पर आधारित हैं। उन्होंने पाकिस्तान की आईएसआई को हक्कानी नेटवर्क का एक वास्तविक भाग बताया था। अधिकारियों ने बताया कि मुलेन ने सार्वजनिक सुनवाई में पाकिस्तान के विरूद्ध इस तरह के कड़े बयान देने से पहले रक्षा मंत्री लियोन पेनेटा से मुलाकात की थी।
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अमेरिका, आतंकी संगठन, ठोस सबूत