तेहरान:
संसदीय चुनावों के अंतिम चरण के मतदान में आए रुझानों में राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के कंजरवेटिव प्रतिद्वंदी कई चुनावी क्षेत्रों में आगे चल रहे हैं। इन चुनावों में ईरान का विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम एक मुख्य मुद्दा है। 'मेहर' समाचार एजेंसी का कहना है कि राष्ट्रपति के प्रतिद्वंद्वी दूसरे चरण के चुनावों में दांव पर लगी 65 सीटों पर बहुमत लेकर जीतते हुए दिख रहे हैं। आधिकारिक नतीजे शनिवार को आ सकते हैं।
अहमदीनेजाद के कंजरवेटिव प्रतिद्वंदी मार्च में हुए पहले चरण के मतदान के जरिए 290 सदस्यीय विधानसभा में पहले ही बहुमत हासिल कर चुके हैं। अंतिम चरण का चुनाव तो बस उनकी इस जीत को पक्का करने का का एक जरिया मात्र माना जा रहा है।
'मेहर' एजेंसी के मुताबिक, शुक्रवार को तेहरान के 10 लाख मतदाताओं समेत कुल 50 लाख से भी ज्यादा लोगों ने मतदान किया। कई मतदान स्थलों से आए नतीजों के मुताबिक तेहरान में अहमदीनेजाद के समर्थक और प्रतिद्वंदियों में बराबरी की टक्कर है।
इन नतीजों से लगता है कि 2013 में खत्म होने वाले अपने दूसरे कार्यकाल के बचे हुए समय में अहमदीनेजाद को संसद में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
अहमदीनेजाद को उनके इस दूसरे कार्यकाल के लिए 2009 में चुना गया था, लेकिन अप्रैल, 2011 में प्रमुख राजनेता अयातुल्ला अली खमैनी का विरोध करने और राष्ट्रपति कार्यालय का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के प्रयास के बाद अहमदीनेजाद के राजनीतिक कद में काफी गिरावट आई। अपनी पत्नी आजम फराही के साथ वोट डालने के बाद अहमदीनेजाद संवाददाताओं को कोई प्रतिक्रिया दिए बिना ही निकल गए।
अहमदीनेजाद के कंजरवेटिव प्रतिद्वंदी मार्च में हुए पहले चरण के मतदान के जरिए 290 सदस्यीय विधानसभा में पहले ही बहुमत हासिल कर चुके हैं। अंतिम चरण का चुनाव तो बस उनकी इस जीत को पक्का करने का का एक जरिया मात्र माना जा रहा है।
'मेहर' एजेंसी के मुताबिक, शुक्रवार को तेहरान के 10 लाख मतदाताओं समेत कुल 50 लाख से भी ज्यादा लोगों ने मतदान किया। कई मतदान स्थलों से आए नतीजों के मुताबिक तेहरान में अहमदीनेजाद के समर्थक और प्रतिद्वंदियों में बराबरी की टक्कर है।
इन नतीजों से लगता है कि 2013 में खत्म होने वाले अपने दूसरे कार्यकाल के बचे हुए समय में अहमदीनेजाद को संसद में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
अहमदीनेजाद को उनके इस दूसरे कार्यकाल के लिए 2009 में चुना गया था, लेकिन अप्रैल, 2011 में प्रमुख राजनेता अयातुल्ला अली खमैनी का विरोध करने और राष्ट्रपति कार्यालय का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के प्रयास के बाद अहमदीनेजाद के राजनीतिक कद में काफी गिरावट आई। अपनी पत्नी आजम फराही के साथ वोट डालने के बाद अहमदीनेजाद संवाददाताओं को कोई प्रतिक्रिया दिए बिना ही निकल गए।
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