नई दिल्ली:
ईरान ने मंगलवार को कहा कि सीरिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का भारत द्वारा समर्थन करने पर वह दुखी नहीं है। उसने कहा कि नई दिल्ली को मौजूदा समय की वास्तविकताओं पर और गौर करने के साथ ही विश्व के अन्य लोकतांत्रिक देशों का भी समर्थन करना चाहिए।
भारत में ईरान के राजदूत सैयद मेहदी नबीजादेह ने पत्रकारों से कहा, "हम दुखी नहीं हैं लेकिन भारत को वर्तमान समय की वास्तविकताओं पर और ध्यान देना चाहिए। भारत को अपने अनुभवों के साथ जाना चाहिए।"
सीरिया पर अरब लीग के समर्थन वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के पक्ष में भारत द्वारा मतदान करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि भारत को दुनिया के अन्य लोकतांत्रिक देशों की मदद करनी चाहिए। "
राजदूत ने हालांकि कहा कि अमेरिका और इजरायल द्वारा लाए गए किसी भी प्रस्ताव को तेहरान में नकारात्मक रूप में देखा जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोई भी विदेशी हस्तक्षेप सीरिया के हित में नहीं है।
सीरिया की नेतृत्व वाली एक राजनीतिक सुलह प्रक्रिया पर जोर देते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का समर्थन किया है। प्रस्ताव में लोकतंत्र की तरफ लौटने, बहुदलीय राजनीतिक प्रणाली कायम करने, शहरों से सेना एवं सशस्त्र बलों की वापसी और मनमाने तरीके से गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग की गई है।
ईरानी राजदूत ने कहा कि सुरक्षा परिषद के सुधारों पर उनका देश भारत के रुख का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि ईरान भी चाहता है कि परिषद लोगों की नुमाइंदगी करे, सरकारों की नहीं।
राजदूत ने ईरान पर लगाए गए अमेरिकी एवं यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका देश अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) द्वारा तय की गई रूपरेखा के तहत काम करता आया है। उन्होंने कहा कि ईरान ने आईएईए के निरीक्षकों को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की जांच करने की अनुमति दी।
भारत में ईरान के राजदूत सैयद मेहदी नबीजादेह ने पत्रकारों से कहा, "हम दुखी नहीं हैं लेकिन भारत को वर्तमान समय की वास्तविकताओं पर और ध्यान देना चाहिए। भारत को अपने अनुभवों के साथ जाना चाहिए।"
सीरिया पर अरब लीग के समर्थन वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के पक्ष में भारत द्वारा मतदान करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि भारत को दुनिया के अन्य लोकतांत्रिक देशों की मदद करनी चाहिए। "
राजदूत ने हालांकि कहा कि अमेरिका और इजरायल द्वारा लाए गए किसी भी प्रस्ताव को तेहरान में नकारात्मक रूप में देखा जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोई भी विदेशी हस्तक्षेप सीरिया के हित में नहीं है।
सीरिया की नेतृत्व वाली एक राजनीतिक सुलह प्रक्रिया पर जोर देते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का समर्थन किया है। प्रस्ताव में लोकतंत्र की तरफ लौटने, बहुदलीय राजनीतिक प्रणाली कायम करने, शहरों से सेना एवं सशस्त्र बलों की वापसी और मनमाने तरीके से गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग की गई है।
ईरानी राजदूत ने कहा कि सुरक्षा परिषद के सुधारों पर उनका देश भारत के रुख का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि ईरान भी चाहता है कि परिषद लोगों की नुमाइंदगी करे, सरकारों की नहीं।
राजदूत ने ईरान पर लगाए गए अमेरिकी एवं यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका देश अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) द्वारा तय की गई रूपरेखा के तहत काम करता आया है। उन्होंने कहा कि ईरान ने आईएईए के निरीक्षकों को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की जांच करने की अनुमति दी।