
- PM मोदी ने फिजी के PM सिटिवेनी राबुका से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर हैदराबाद हाउस में चर्चा की.
- व्यापार, निवेश, रक्षा, सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में सहयोग के 7 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.
- पीएम मोदी ने फिजी के गिरमिटिया इतिहास और सांस्कृतिक संबंधों को याद करते हुए आत्मीयता और साझेदारी पर बल दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार, 25 अगस्त को हैदराबाद हाउस में फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने भारत और फिजी के बीच लंबे पुराने रिश्तों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की. यहां व्यापार और निवेश जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. दोनों नेताओं की बातचीत के बाद भारत और फिजी ने सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
इस मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "2014 में 33 वर्षों बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने फिजी की धरती पर कदम रखा था. मुझे बहुत खुशी और गर्व है कि ये सौभाग्य मुझे मिला था. उस समय हमने 'फोरम फॉर इंडिया-पेसिफिक आइसलैंड कॉरपोरेशन' यानी एफआईपीआईसी की शुरुआत की थी. उस पहल ने न केवल भारत-फिजी रिश्तों को, बल्कि पूरे पैसिफिक क्षेत्र के साथ हमारे जुड़ाव को नई ताकत दी है."
फिजी के पंडित भारत आकर लेंगे ट्रेनिंग
पीएम मोदी ने कहा, "भारत और फिजी के बीच आत्मीयता का गहरा नाता है. 19वीं सदी में, भारत से गए 60,000 से अधिक गिरमिटिया भाई-बहनों ने अपने परिश्रम और पसीने से फिजी की समृद्धि में योगदान दिया है. उन्होंने फिजी की सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता में नए रंग भरे हैं. उन्होंने फिजी की एकता और अखंडता को लगातार मजबूती प्रदान की है और इसी के बीच वे अपनी जड़ों से भी जुड़े रहे हैं और अपनी संस्कृति को संजोए रखा है. फिजी की रामायण मंडली की परंपरा इसी का जीवंत प्रमाण है. प्रधानमंत्री राबुका द्वारा गिरमिट-डे की घोषणा का मैं अभिनंदन करता हूं; यह हमारे साझा इतिहास को सम्मान है."
PM @narendramodi and PM @slrabuka of Fiji held wide-ranging & productive talks at Hyderabad House today.
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) August 25, 2025
Discussions covered strengthening 🇮🇳-🇫🇯 ties in defence, trade, healthcare, agriculture, mobility, people-to-people ties, & advancing a shared vision for a resilient and… pic.twitter.com/3JUHBQZqLs
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग को मजबूत करने का निर्णय लिया है. इसके लिए एक एक्शन प्लान तैयार किया गया है. फिजी की सिक्योरिटी को सशक्त करने के लिए भारत से ट्रेनिंग और इक्विपमेंट में सहयोग दिया जाएगा. साइबर सिक्योरिटी और डेटा प्रोटेक्शन के क्षेत्रों में हम अपने अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं. हम एकमत हैं कि आतंकवाद पूरी मानवता के लिए बहुत बड़ी चुनौती है. आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में सहयोग और समर्थन के लिए हम प्रधानमंत्री राबुका और फिजी सरकार का आभार व्यक्त करते हैं. हमने तय किया है कि फिजी यूनिवर्सिटी में हिंदी और संस्कृत पढ़ाने के लिए भारतीय शिक्षक भेजे जाएंगे और फिजी के पंडित भारत आकर प्रशिक्षण लेंगे और गीता महोत्सव में भी भाग लेंगे."
उन्होंने कहा, "हम मानते हैं कि एक स्वस्थ राष्ट्र ही समृद्ध राष्ट्र हो सकता है. इसलिए हमने तय किया कि ‘सुवा' में 100- बेड सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाया जायेगा. डायलिसिस यूनिट्स और सी एम्बुलेंस (sea ambulance) भेजीं जाएंगी. जन औषधि केंद्र खोले जायेंगे, जिससे सस्ती और उत्तम क्वालिटी की दवा हर घर तक पहुंचेगी."
"फिजी के बीच भले महासागरों का फासला हो लेकिन..."
पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और फिजी स्वतंत्र, समावेशी, खुले और सुरक्षित इंडो-पैसिफिक का समर्थन करते हैं. उन्होंने भारत और फिजी को एक ऐसी विश्व व्यवस्था के निर्माण में "पार्टनर" बताया जहां वैश्विक दक्षिण की स्वतंत्रता, विचारों और पहचान का सम्मान किया जाता है.
उन्होंने कहा, "भारत और फिजी स्वतंत्र, समावेशी, खुले, सुरक्षित और समृद्ध इंडो-पैसिफिक का समर्थन करते हैं. पीएम का 'शांति का महासागर' एक बहुत ही सकारात्मक विचार है. भारत और फिजी के बीच भले महासागरों का फासला हो, लेकिन हमारी आकांक्षाएं एक ही नाव में हैं. हम ग्लोबल साउथ की विकास यात्रा में भी साथी यात्री हैं. हम एक विश्व व्यवस्था के निर्माण में भागीदार हैं जहां ग्लोबल साउथ की स्वतंत्रता, विचारों और पहचान का सम्मान किया जाता है. हमारा मानना है कि किसी भी आवाज को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, और किसी भी राष्ट्र को पीछे नहीं छोड़ा जाना चाहिए. हिंद महासागर से प्रशांत, हमारी साझेदारी समुद्र के बीच एक पुल है."
फिजी के प्रधानमंत्री का कार्यक्रम
बता दें कि फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका रविवार 24 अगस्त को नई दिल्ली पहुंचे. यह उनकी इस पद पर भारत की पहली यात्रा है. जनवरी में प्रधानमंत्री राबुका ने पीएम मोदी को दुनिया का रियल बॉस बताया था.
प्रधानमंत्री मोदी ने राबुका के सम्मान में दोपहर के भोजन का भी आयोजन किया था. फिजी के प्रधानमंत्री ने राजघाट पर जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. अपने आधिकारिक कार्यक्रमों के अलावा, प्रधानमंत्री राबुका राजधानी में भारतीय विश्व मामलों की परिषद में 'शांति का सागर' विषय पर एक व्याख्यान भी देंगे. यह यात्रा भारत और फिजी के बीच जुलाई में सुवा, फिजी में हुए विदेश कार्यालय परामर्श के छठे दौर के कुछ ही सप्ताह बाद हो रही है. इस परामर्श ने दोनों देशों को स्वास्थ्य, शिक्षा, क्षमता विकास, व्यापार और निवेश, कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का मौका दिया.
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