ओकलाहोमा में मौत की सजा पाए एक कैदी को दवाओं के एक नए मिश्रण के जरिये दी जा रही मौत की सजा को बीच में ही रोक देना पड़ा, क्योंकि उन दवाओं का असर वांछित प्रभाव से कुछ अलग होने लगा था, लेकिन इसी बीच दिल का दौरा पड़ने से कैदी की मौत हो गई। सुधार विभाग के प्रमुख ने यह जानकारी दी।
निदेशक रॉबर्ट पैटन ने बताया कि कैदी क्लेटन लॉकेट की मौत मंगलवार को उस समय हुई जब उसे मौत की सजा की तामील के लिए तीनों दवाएं दी गईं। पैटन ने लॉकेट की यह सजा पहली दवा का असर शुरू होने के 20 मिनट बाद रुकवाई थी। पैटन ने बताया कि कैदी की नसें फट गई थीं।
कैदी की सजा स्थानीय समयानुसार शाम 6 बजकर 23 मिनट पर शुरू हुई। अधिकारियों को पहली दवा का प्रभाव दिखने लगा था। एक डॉक्टर ने 6 बजकर 33 मिनट पर कैदी के अचेत होने की घोषणा की।
हालांकि लगभग तीन मिनट बाद कैदी ने तेज सांसें लेना, छटपटाना, दांत भींचना और अपने सिर को तकिए से उठाना शुरू कर दिया था। तीन मिनट बाद डॉक्टर ने कैदी पर डाली गई चादर हटा दी ताकि टीके वाली जगह को देखा जा सके।
पैटन ने संवाददाता सम्मेलन में कैदी लॉकेट की नसें फटने के संदर्भ में कहा, उस समय दवाएं वैसा प्रभाव नहीं दिखा रही थीं, जैसा हम चाहते थे। इस वजह से कुछ चिंताएं पैदा हो गई थीं। इसके बाद डेथ चैंबर में मौजूद एक अधिकारी ने पर्दे कर दिए ताकि अंदर झांक रहे लोग देख न सकें कि हो क्या रहा है। पैटन ने तब इस सजा को रोकने से पहले कुछ फोन कॉल किए।
पैटन ने संवाददाताओं को बताया, कैदी के शरीर में जाने वाली दवा की मात्रा पर संरक्षक एवं अन्य से चर्चा करने के बाद सजा को रोकने का फैसला मेरा था। उन्होंने एक अन्य कैदी चार्ल्स वार्नर की सजा को भी 14 दिन के लिए स्थगित कर दिया। वार्नर को लॉकेट की सजा के दो घंटे बाद कल ही मौत की सजा दी जानी थी।
लॉकेट के वकील डेविड अट्री ने बाद में कहा, यह देखना बेहद मुश्किल था। उन्होंने शामक औषधि मिदाजोलम की मात्रा पर भी सवाल उठाए और कहा कि उनके अनुसार 100 मिलीग्राम की मात्रा सरकार के सजा नियमों के तहत ‘काफी ज्यादा’ है।
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