
इंग्लैण्ड की यात्रा प्रतिबंध सूची से अलग रखे गए देशों के वैसे यात्री अब यहां आने के लिए अत्यधिक महंगे पोलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) परीक्षण के बजाय कोविड-19 के लेटरल फ्लो टेस्ट (एलएफटी) का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिन्हें टीके की पूरी खुराक दी जा चुकी है. नया नियम रविवार से प्रभावी हो गया, जो देश के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देगा. ब्रिटेन के अन्य हिस्सों - वेल्स, स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड - में भी आने वाले हफ्तों में टीका लगवा चुके यात्रियों के लिए इसी तरह के एलएफटी नियम लागू किए जाने की उम्मीद है.
सरकार ने कहा है कि भारत सहित 100 से अधिक देशों में टीका लगवा चुके यात्रियों को भी इंग्लैंड में पूरी तरह से टीका लगाए गए निवासियों के समान माना जाएगा. इसका मतलब यह है कि प्रतिबंधित सूची से बाहर के देशों से इंग्लैंड पहुंचने वाले यात्री दूसरे दिन या उससे पहले ही पीसीआर के बजाय एलएफटी का इस्तेमाल कर सकते हैं.
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि आज से इंग्लैंड आने वाले पात्र यात्री, जिन्होंने कोविड-रोधी टीके लगवा लिए हैं, वे सस्ते एलएफटी का लाभ उठा सकते हैं. इस परीक्षण में जल्दी परिणाम प्राप्त होता है.'' उन्होंने कहा, “इस फैसले से यात्रा उद्योग को मजबूती मिलेगी और जनता छुट्टियों का आनंद लेने यहां पहुंच सकती है. यह हमारे अविश्वसनीय टीकाकरण कार्यक्रम के कारण संभव हो सका है.''
ब्रिटेन के परिवहन मंत्री ग्रांट शाप्स ने कहा, “आगमन के बाद के परीक्षणों के नियमों में बदलाव से यात्रियों को अधिक विकल्प और बहुत ही कम समय में तेज परिणाम मिलेंगे. टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता का ही परिणाम है कि इससे हम उद्योग और उपभोक्ताओं को बढ़ावा दे सकते हैं. जिन यात्रियों ने यात्रा के लिए पहले ही पीसीआर करा लिया है उन्हें दूसरे टेस्ट से गुजरने की आवश्यकता नहीं होगी.''
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं