भारतीय मूल की 51 वर्षीय महिला को बिना दस्तावेज के सैकड़ों लोगों को मानव तस्करी के माध्यम से अमेरिका में लाने के जुर्म में तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई. इस महिला पर 70 लाख डॉलर से अधिक का जुर्माना लगाया, जिन लोगों इस तरह अमेरिका लाया जाता था, उनमें से ज्यादातर भारत के होते थे और उनसे इसके बदले में 28,000 डॉलर से 60,000 डॉलर प्रति व्यक्ति लिए जाते थे.
पिछले साल जून में हेमा पटेल ने वित्तीय लाभ के लिए धोखाधड़ी करके लोगों को अमेरिका में प्रवेश कराने का जुर्म स्वीकार कर लिया था.
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पटेल को सैकड़ों अवैध लोगों की अमेरिका में तस्करी में उसकी भूमिका के लिए तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई. होमलैंड सुरक्षा जांच (एचएसआई) न्यूयॉर्क की विशेष प्रभारी एजेंट एंजेल मेलेन्देज ने कहा, ‘‘यह सटीक उदाहरण है कि कैसे आपराधिक नेटवर्क अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचाकर लाभ कमाने के लिए हमारे देश की आव्रजन व्यवस्था में कमियों का दुरुपयोग करते हैं.
हेमा पटेल और उसके साथी बिना उचित दस्तावेज वाले विदेशियों की रिहाई के लिए फर्जी बॉन्ड दस्तावेज बनाते थे. उससे पूर्व इन विदेशियों को एक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्क मानव तस्करी के माध्यम से दक्षिण पश्चिम सीमा के जरिए अमेरिका में दाखिल करवाता था.''
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इनपुट - भाषा
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