बिहार के नालंदा जिले के एकंगरसराय से दो नाबालिग बच्चियों के लापता होने के एक गंभीर मामले में पुलिस ने मानव तस्करों के एक बड़े जाल का भंडाफोड़ किया है. पुलिस की तत्परता और तकनीकी अनुसंधान के फलस्वरूप पश्चिम बंगाल के विभिन्न यौन शोषण के अड्डों से कुल तीन लड़कियों को सकुशल बरामद किया गया है और इस जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है.
तकनीकी सुराग से खुला राज
पुलिस को दो बच्चियों के लापता होने का आवेदन मिलते ही त्वरित कार्रवाई शुरू की गई. विभिन्न क्षेत्रों और पटना स्टेशन पर सघन खोजबीन और छापेमारी की गई. तकनीकी अनुसंधान के दौरान पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिले, जिनसे मानव तस्करों की संलिप्तता सामने आई.
SIT ने बंगाल में दी दबिश
मामले की गंभीरता को देखते हुए हिलसा डीएसपी ऋषिराज के निर्देश पर, इस्लामपुर पुलिस अंचल निरीक्षक अमरेंद्र कुमार के नेतृत्व में एक विशेष जाँच दल (SIT) का गठन किया गया. SIT ने बिना देर किए पश्चिम बंगाल में छापेमारी की.
SDPO ऋषिराज ने बताया कि SIT ने सबसे पहले देह व्यापार के एक अवैध ठिकाने में दबिश देकर एक लड़की को बरामद किया. उससे मिली जानकारी के आधार पर बंगाल के अन्य आपराधिक ठिकानों में भी छापेमारी की गई और दो अन्य लड़कियों को मुक्त कराया गया. मुक्त कराई गई तीन लड़कियों में से एक औरंगाबाद की रहने वाली थी, जिसे उसके घर सुरक्षित भेज दिया गया.
नौकरी का झांसा, अनैतिक व्यापार में बिक्री
अनुसंधान में यह स्पष्ट हुआ है कि यह गिरफ्तार गिरोह भोली-भाली लड़कियों को नौकरी और अच्छे जीवन का झांसा देकर फंसाता था. बहला-फुसलाकर लाई गई इन बच्चियों को ये तस्कर पश्चिम बंगाल, दिल्ली, हरियाणा जैसे राज्यों के यौन शोषण के अड्डों में महंगी कीमत पर बेच देते थे.
पुलिस ने इस नेटवर्क को चलाने वाले तीन तस्करों को गिरफ्तार कर लिया है. यह घटना बिहार में सक्रिय मानव तस्करी के बढ़ते जाल की ओर इशारा करती है, जो गरीब और कमजोर बच्चियों को निशाना बनाते हैं. पुलिस इस नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने के लिए आगे का अनुसंधान जारी रखे हुए है.
रवीश रंजन की रिपोर्ट
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं