काठमांडू:
नेपाल में भारतीय राजदूत रंजीत रे ने बुधवार को कहा कि भारत नेपाल सरकार, विपक्ष और विरोधरत मधेसी राजनीतिक दलों के बीच राजनीतिक सहमति बनाने की कोशिश का समर्थन करेगा।
रे ने रिपोटर्स क्लब नेपाल से एक ज्ञापन स्वीकार करने के बाद कहा कि तराई में जारी विरोध प्रदर्शन और अशांति एक राजनीतिक समस्या है।
रे ने कहा कि सरकार और प्रदर्शनकारी राजनीतिक दलों के बीच गतिरोध संवाद के जरिए सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम पार्टियों और सरकार द्वारा राजनीतिक समाधान हासिल करने की कोशिश का समर्थन करेंगे और चाहते हैं कि कोशिश व परिणाम केंद्रित और अर्थपूर्ण हो।'
उन्होंने कहा कि समाधान की एक कार्ययोजना तैयार हो चुकी है और यदि बातचीत गंभीर तरीके से चलती है तो समाधान करीब है। भारतीय राजदूत ने सभी पक्षों से आग्रह किया कि बातचीत में लचीलापन रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'नेपाल की स्थिरता और विकास के अलावा हमारी कोई रुचि यहां नहीं है।'
रे ने कहा, 'हम चिंतित हैं क्योंकि तराई में किसी भी अशांति का सीधा असर भारत पर होता है और इस पड़ोसी देश में अस्थिरता का असर भारत के विकास पर भी है।' उन्होंने कहा, 'नेपाल में हमारी एक मात्र रुचि यहां स्थिरता और शांति को लेकर है।'
रे ने रिपोटर्स क्लब नेपाल से एक ज्ञापन स्वीकार करने के बाद कहा कि तराई में जारी विरोध प्रदर्शन और अशांति एक राजनीतिक समस्या है।
रे ने कहा कि सरकार और प्रदर्शनकारी राजनीतिक दलों के बीच गतिरोध संवाद के जरिए सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम पार्टियों और सरकार द्वारा राजनीतिक समाधान हासिल करने की कोशिश का समर्थन करेंगे और चाहते हैं कि कोशिश व परिणाम केंद्रित और अर्थपूर्ण हो।'
उन्होंने कहा कि समाधान की एक कार्ययोजना तैयार हो चुकी है और यदि बातचीत गंभीर तरीके से चलती है तो समाधान करीब है। भारतीय राजदूत ने सभी पक्षों से आग्रह किया कि बातचीत में लचीलापन रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'नेपाल की स्थिरता और विकास के अलावा हमारी कोई रुचि यहां नहीं है।'
रे ने कहा, 'हम चिंतित हैं क्योंकि तराई में किसी भी अशांति का सीधा असर भारत पर होता है और इस पड़ोसी देश में अस्थिरता का असर भारत के विकास पर भी है।' उन्होंने कहा, 'नेपाल में हमारी एक मात्र रुचि यहां स्थिरता और शांति को लेकर है।'
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