ढाका:
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा कि क्षेत्रीय स्तर पर शक्ति संतुलन स्थापित करने के लिए भारत को परमाणु हथियार और बैलेस्टिक मिसाइलें विकसित करनी पड़ीं।
‘मिसाइल मैन’ के नाम से विख्यात कलाम ने एक क्षेत्रीय सम्मेलन में कहा, ‘आप देखें कि भारत के चारों ओर बड़े देश हैं, जिनके पास परमाणु हथियार थे। ऐसे में भारत के लिए संतुलन को लेकर बैलेस्टिक मिसाइल विकसित करना जरूरी था। इसमें बहुत ज्यादा खर्च भी नहीं आया।’
कलाम से यह पूछा गया था कि अब वह क्षेत्रीय शांति के लिए काम कर रहे हैं तो ऐसे में वह भारत के परमाणु कार्यक्रम में मुख्य भूमिका निभाकर किसी तरह का दोष महसूस करते हैं।
इसके जवाब में कलाम ने कहा कि वह किसी तरह से दोष की भावना की अनुभूति नहीं करते और भारत को क्षेत्रीय संतुलन के लिए परमाणु हथियारों का रुख करना पड़ा जो जरूरी भी था।
कलाम ने कहा, ‘‘भारत ने अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के विकास में थोड़ा खर्च किया तथा गरीबी उन्मूलन के लिए इस्तेमाल होने वाले धन को सैन्यीकरण पर खर्च करने से जुड़ा सवाल पूरी तरह उचित नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘भारतीय मिसाइलों का कभी भी पहले इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। हमला होने के बाद ही प्रतिक्रिया की जाएगी।’ उनके मुताबिक क्षेत्र में देशों के बीच मतभेदों के बावजूद उन्हें उम्मीद है कि अगले 10 साल में दक्षिण एशिया भी यूरोपीय संघ की तरह एकीकृत क्षेत्र के रूप में सामने आएगा।
कलाम ने कहा, ‘अब समय आ गया है कि क्षेत्रीय शांति पर अधिक ध्यान देने के साथ ही गरीबी उन्मूलन एवं ग्रामीण विकास पर अधिक खर्च किया जाए।’
‘मिसाइल मैन’ के नाम से विख्यात कलाम ने एक क्षेत्रीय सम्मेलन में कहा, ‘आप देखें कि भारत के चारों ओर बड़े देश हैं, जिनके पास परमाणु हथियार थे। ऐसे में भारत के लिए संतुलन को लेकर बैलेस्टिक मिसाइल विकसित करना जरूरी था। इसमें बहुत ज्यादा खर्च भी नहीं आया।’
कलाम से यह पूछा गया था कि अब वह क्षेत्रीय शांति के लिए काम कर रहे हैं तो ऐसे में वह भारत के परमाणु कार्यक्रम में मुख्य भूमिका निभाकर किसी तरह का दोष महसूस करते हैं।
इसके जवाब में कलाम ने कहा कि वह किसी तरह से दोष की भावना की अनुभूति नहीं करते और भारत को क्षेत्रीय संतुलन के लिए परमाणु हथियारों का रुख करना पड़ा जो जरूरी भी था।
कलाम ने कहा, ‘‘भारत ने अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के विकास में थोड़ा खर्च किया तथा गरीबी उन्मूलन के लिए इस्तेमाल होने वाले धन को सैन्यीकरण पर खर्च करने से जुड़ा सवाल पूरी तरह उचित नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘भारतीय मिसाइलों का कभी भी पहले इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। हमला होने के बाद ही प्रतिक्रिया की जाएगी।’ उनके मुताबिक क्षेत्र में देशों के बीच मतभेदों के बावजूद उन्हें उम्मीद है कि अगले 10 साल में दक्षिण एशिया भी यूरोपीय संघ की तरह एकीकृत क्षेत्र के रूप में सामने आएगा।
कलाम ने कहा, ‘अब समय आ गया है कि क्षेत्रीय शांति पर अधिक ध्यान देने के साथ ही गरीबी उन्मूलन एवं ग्रामीण विकास पर अधिक खर्च किया जाए।’
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
India, Nuclear Weapons, Nuclear Weapons For Regional Balance, APJ Abdul Kalam, क्षेत्रीय संतुलन के लिए परमाणु हथियार विकसित, भारत, परमाणु हथियार, एपीजे अब्दुल कलाम