- इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने रात में सबसे अधिक जगमगाते शहरों की तस्वीरें जारी की हैं, जिसमें सबसे पहले दिल्ली है
- दिल्ली की तस्वीर में यमुना नदी द्वारा विभाजित शहर और इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट स्पष्ट रूप से दिख रहा है
- दिल्ली लगभग 3.46 करोड़ लोगों का घर है और यह टोक्यो के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र है
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन यानी ISS ने रात में सबसे अधिक जगमगाते शहरों की तस्वीर जारी की है, जिसे अंतरिक्ष से देखा जा सकता है. इन तस्वीरों को देखते ही पहला ख्याल आता है इंसान गुफाओं से आगे बढ़कर कहां तक पहुंच चुका है. इन जगमगाते शहरों में सबसे पहली तस्वीर दिल्ली की है. इस तस्वीर में देश की राजधानी को चमकते हुए दिखाया गया है, साफ दिख रहा है कि कैसे यहां रात की रोशनी एक जटिल पैटर्न बनाती है.
स्पेस स्टेशन ने अपने आधिकारिक X एकाउंट पर अंतरिक्ष से रोशनी में नहाए चार शहरों की तस्वीर डालकर कैप्शन में लिखा है, "दिल्ली, सिंगापुर, टोक्यो और साओ पाउलो जैसे शहर रात में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से देखे जाने वाले सबसे चमकदार शहरी केंद्रों में से हैं."
Cities like Delhi, Singapore, Tokyo, and São Paulo are among the most luminous urban centers seen from the International Space Station at night. pic.twitter.com/JAfqr4PPTs
— International Space Station (@Space_Station) November 20, 2025
भारत का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली लगभग 3.46 करोड़ लोगों का घर है और यह टोक्यो के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र है. ISS ने दिल्ली की तस्वीर के बारे में कहा, "स्थानीय समयानुसार लगभग 10:54 बजे इंटरनेशनल स्टेशन द्वारा लिया गया यह रात का दृश्य. यह यमुना नदी द्वारा विभाजित शहर को दर्शाता है. दाहिने केंद्र के पास चमकता दिख रहा आयताकार क्षेत्र इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट को दिखाता है, जो दक्षिण एशिया के सबसे बिजी विमानन केंद्रों (एविएशन हब) में से एक है."

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन क्या है?
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) एक विशाल अंतरिक्ष यान है जो पृथ्वी की निचली कक्षा में लगातार चक्कर काटता है. यह आसान भाषा में ऐसे समझिए कि यह अंतरिक्ष में लगातार चलने-फिरने वाला साइंस लैब है. जहां अंतरिक्ष यात्री रहते हैं और वैज्ञानिक प्रयोग (साइंस एक्सपेरिमेंट) करते हैं. इसे कई देशों की स्पेस एजेंसियों ने मिलकर एक मल्टीनेशनल कॉपरेशन प्रोजेक्ट के रूप में बनाया है. इसमें अमेरिका, रूस, जापान, कनाडा और यूरोपीय स्पेस एजेंसियां शामिल हैं.