टोरंटो:
लांसेट के एक नये अध्ययन के अनुसार भारत और चीन ऐसे दो देश हैं जहां स्तन और गर्भाशय कैंसर से ग्रस्त महिलाओं की संख्या सर्वाधिक है.
दुनियाभर में स्तन कैंसर से ग्रस्त महिलाओं की संख्या 2015 में 17 लाख थी जो इस साल लगभग दोगुनी होकर 32 लाख हो गई. इसी तरह सर्विकल कैंसर के मामले कम से कम 25 प्रतिशत बढ़ने के साथ 2030 तक सात लाख पहुंचने की उम्मीद है.
हर साल दुनियाभर में करीब आठ लाख महिलाओं की मौत गर्भाशय और स्तन कैंसर से होती है.
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार निम्न और मध्यम आय देशों (एलएमआईसी) में स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर और महिलाओं को होने वाले अन्य कैंसर को रोकने के प्रयास अभी तक अपर्याप्त रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयासों की जरूरत है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दुनियाभर में स्तन कैंसर से ग्रस्त महिलाओं की संख्या 2015 में 17 लाख थी जो इस साल लगभग दोगुनी होकर 32 लाख हो गई. इसी तरह सर्विकल कैंसर के मामले कम से कम 25 प्रतिशत बढ़ने के साथ 2030 तक सात लाख पहुंचने की उम्मीद है.
हर साल दुनियाभर में करीब आठ लाख महिलाओं की मौत गर्भाशय और स्तन कैंसर से होती है.
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार निम्न और मध्यम आय देशों (एलएमआईसी) में स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर और महिलाओं को होने वाले अन्य कैंसर को रोकने के प्रयास अभी तक अपर्याप्त रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयासों की जरूरत है.
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