रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को यहां ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ग्रांट शाप्स के साथ ब्रिटेन-भारत रक्षा उद्योग सीईओ गोलमेज सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत ब्रिटेन के साथ सह-निर्माण पर केंद्रित एक समृद्ध रक्षा साझेदारी की कल्पना करता है.
गोलमेज बैठक में ब्रिटेन के रक्षा उद्योग के कई मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय (एमओडी) के अधिकारी, ब्रिटेन-भारत व्यापार परिषद (यूकेआईबीसी) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
बैठक में प्रमुख रक्षा कंपनियों में शामिल बीएई सिस्टम्स, जीई वर्नोवा, जेम्स फिशर डिफेंस, लियोनार्डो एसपीए, मार्टिन बेकर एयरक्राफ्ट कंपनी लिमिटेड, एसएएबी यूके, थेल्स यूके, अल्ट्रा-मैरीटाइम रोल्स-रॉयस, एडीएस ग्रुप और एमबीडीए यूके के प्रतिनिधि शामिल थे.
सिंह ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘लंदन में ब्रिटेन-भारत रक्षा सीईओ गोलमेज बैठक में उद्योग जगत के नेताओं और सीईओ के साथ शानदार बातचीत हुई.''
उन्होंने कहा, ‘‘भारत सहयोग, सह-निर्माण और सह-नवोन्मेष के लिए ब्रिटेन के साथ एक समृद्ध साझेदारी की कल्पना करता है. दोनों देशों की ताकतों का समन्वय करके, हम एक साथ बड़े काम कर सकते हैं.''
बैठक में ब्रिटेन के रक्षा खरीद राज्य मंत्री जेम्स कार्टिल्ज भी शामिल हुए और इसमें भारत-ब्रिटेन रक्षा औद्योगिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई.
भारत के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, सिंह ने ब्रिटेन से निवेश और प्रौद्योगिकी सहयोग का स्वागत किया और कहा कि भारत कुशल मानव संसाधन आधार, एक मजबूत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और व्यापार समर्थक पारिस्थितिकी तंत्र तथा एक विशाल घरेलू बाजार के साथ तैयार है. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है.
शाप्स ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत-ब्रिटेन संबंध मूल रूप से एक रणनीतिक साझेदारी के रूप में सामान्य खरीदार-विक्रेता संबंधों से आगे बढ़ चुके हैं.
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