
- पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में लाहौर शहर सर्दियों में स्मॉग की घनी धुंध से गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है.
- पंजाब सरकार ने स्मॉग से निपटने के लिए वाहनों की टेस्टिंग और औद्योगिक निगरानी में एआई का उपयोग शुरू किया है.
- लाहौर में धुंध के कारण स्कूल बंद होते हैं, परिवहन बाधित होता है और सांस रोगी अस्पतालों में बढ़ जाते हैं.
जैसे-जैसे सर्दी का मौसम नजदीक आ रहा है, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आने वाला लाहौर, स्मॉग की घुटन भरी धुंध से जूझ रहा है. फिलहाल तो शहर का एक्यूआई 170 के आसपास है लेकिन आने वाले दिनों में इसके और बढ़ने की आशंका है. मजदूरों, बच्चों और बुजुर्गों को साफ हवा, प्यूरीफायर या घर के अंदर रहने के आराम की निरंतर पहुंच के बिना बिगड़ती वायु गुणवत्ता का सामना करना पड़ रहा है. इस संकट से निपटने के लिए, पंजाब सरकार ने गाड़ियों में इमीशन टेस्ट शुरू करने से लेकर औद्योगिक निगरानी में एआई के इस्तेमाल तक कई उपाय लागू किए हैं. लेकिन फिर यहां के निवासियों का स्मॉग-मुक्त लाहौर की संभावना पर भरोसा नहीं है.
दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर लाहौर
आंकड़े लाहौर की एक गंभीर तस्वीर पेश करते हैं. वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू 2025 के अनुसार पाकिस्तान दुनिया का तीसरा सबसे प्रदूषित देश है. वहीं जर्मनवॉच का क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2025, पाकिस्तान को उन देशों की लिस्ट में सबसे ऊपर रखता है जो जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. इस इंडेक्स में साल 1993 से 2022 तक के तीन दशकों के आंकड़ों का विश्लेषण है. लाहौर में हर साल होने वाली धुंध लोगों को एयर प्यूरीफायर खरीदने पर मजबूर कर देती है, से लेकर शहर के बाहरी इलाकों में फैली ईंट भट्ठियों से निकलता काला धुआं—इन सबके सबूत पाकिस्तान के प्रमुख शहरों के ऊपर छाई धूसर आसमान में साफ देखे जा सकते हैं.
पंजाब जहरीली हवा का शिकार
न सिर्फ लाहौर बल्कि पूरा पंजाब प्रांत ही इस स्मॉग से परेशान है. पंजाब प्रांत ने इस धुंध के खिलाफ जंग छेड़ दी है. पंजाब प्रांत ने स्मॉग से लड़ने के लिए बड़ी-बड़ी एंटी-स्मॉग कैनन तैनात कर दी हैं. ये मशीनें आसमान में माइक्रो लेकिन पावरफुल जेट फायर करती हैं. इससे लाहौर की हवा में दम घोंटने वाले खतरनाक प्रदूषकों को खत्म करने में सफलता मिलती है. पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने पिछले दिनों आगाह किया है कि पंजाब के शहरों को जल्द ही एक और भयावह स्मॉग सीजन का सामना करना पड़ सकता है. इसके बाद उन्होंने इन एंटी-स्मॉग गन की तैनाती का आदेश दिया है.
हर सर्दियों में, धुंध की एक जहरीली चादर लाखों लोगों को अपने ही बनाए गैस चैंबर में फंसा देती है. इसके बाद पूरे प्रांत में स्कूल बंद हो जाते हैं, ट्रांसपोर्टेशन पूरी तरह से ठप हो जाता है और अस्पतालों में सांस के मरीजों की भीड़ बढ़ जाती है.
कैसे काम करती हैं 'स्मॉग कैनन'
हर कैनन, 16,000 लीटर पानी से भरे एक विशाल टैंकर से जुड़ा होता है. यह करीब 100 मीटर तक हवा में छिड़काव कर सकता है. ये बारीक बूंदें छोटे-छोटे चुंबकों की तरह काम करती हैं, जो खतरनाक धूल और कणों से चिपककर उन्हें वापस जमीन पर खींच लेती हैं. अधिकारियों का कहना है कि यह टेक्नोलॉजी अस्थमा, फेफड़ों के संक्रमण और दिल से जुड़ी बीमारियों को कम कर सकती है. इससे एक्यूआई से परेशान निवासियों को कुछ समय के लिए राहत मिल सकती है.
1500 तक गया AQI
पिछले साल, लाहौर का एक्यूआई 700 को पार कर गया था. नवंबर 2024 में तो यह 1500 से भी ऊपर पहुंच गया था. इसके साथ ही लाहौर, दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक बन गया. जहां भारत में एक्यूआई के लिए पराली को जिम्मेदार बताया जाता है तो वहीं पाकिस्तान में ट्रांसपोर्ट सेक्टर, इस स्मॉग की बड़ी वजह है. हालांकि पिछले कुछ सालों में नेशनल फ्यूल स्टैंडर्ड में सुधार हुआ है, लेकिन मौजूदा बेड़े का अधिकांश हिस्सा पुराना और खराब नियमों से भरा पड़ा है.
यूरो और यूरो-II से पहले के डीजल ट्रक और बसें लंबी दूरी के गलियारों में हावी हैं, जबकि बाकी सभी तरह के वाहनों का निरीक्षण और रखरखाव अनियमित है. घटिया स्नेहक का उपयोग और बैकअप डीजल जनरेटर पर व्यापक निर्भरता उत्सर्जन को और बढ़ा देती है. शहरी क्षेत्रों में, दोपहिया और तिपहिया वाहन, छोटे इंजनों के साथ, बड़ी मात्रा में ब्लैक कार्बन और नाइट्रोजन ऑक्साइड छोड़ते हैं, जो सर्दियों की धुंध के प्रमुख कारण हैं.
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