पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में चीन और तालिबान के बीच एक अहम बैठक हुई. इस बैठक में तालिबान, चीन और पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान में सड़क सहित अन्य विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हो गया है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने इस क्षेत्र में अरबों डॉलर निवेश करने की पेशकश की जिसे तालिबान ने स्वीकार कर लिया.
चीन के विदेश मंत्री किन गैंग और उनके पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने शनिवार को इस्लामाबाद में मुलाकात की और 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को तालिबान शासित राष्ट्र तक ले जाने सहित अफगानिस्तान की पुनर्निर्माण प्रक्रिया पर मिलकर काम करने का संकल्प लिया.
बैठक के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष अफगान लोगों के लिए अपनी मानवीय और आर्थिक सहायता जारी रखने और अफगानिस्तान में सीपीईसी के विस्तार के माध्यम से विकास सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं.
चीनी और पाकिस्तानी अधिकारियों ने लगभग एक दशक पहले शुरू हुई राष्ट्रपति शी जिनपिंग की प्रमुख परियोजनाओं को लेकर चर्चा की थी. वहीं नकदी संकट से जूझ रही तालिबान सरकार ने इस परियोजना में भाग लेने और बहुत जरूरी बुनियादी ढांचा निवेश प्राप्त करने की संभावना व्यक्त की है. तालिबान के शीर्ष राजनयिक, आमिर खान मुत्ताकी के उप प्रवक्ता हाफिज जिया अहमद ने बताया कि मुत्ताकी ने इस्लामाबाद में एक अहम बैठक में हिस्सा लिया है और हम एक समझौते पर पहुंचे हैं.
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