अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा है कि पाकिस्तान एक ‘‘चुनौतीपूर्ण आर्थिक मोड़'' पर खड़ा है. आईएमएफ ने कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था प्रतिकूल बाहरी परिस्थितियों से प्रभावित हुई है और यूक्रेन युद्ध तथा घरेलू चुनौतियों के चलते असमान और असंतुलित वृद्धि हुई है. आईएमएफ के कार्यकारी निदेशक मंडल ने सोमवार को पाकिस्तान के विस्तारित कोष सुविधा (EFF) कार्यक्रम को फिर से बहाल करने को मंजूरी दी थी. इससे नकदी संकट से जूझ रहे देश को 7वीं और 8वीं किस्त के रूप में 1.17 अरब डॉलर मिलेंगे.
वाशिंगटन स्थित ऋणदाता ने ऋण योजना को मंजूरी देते हुए कहा, ‘‘पाकिस्तान एक चुनौतीपूर्ण आर्थिक मोड़ पर है.'' आईएमएफ ने एक बयान में कहा ‘‘चुनौतीपूर्ण घरेलू नीतियों के साथ ही कठिन बाहरी वातावरण ने घरेलू मांग को अस्थिर कर दिया है. इसके चलते वित्त वर्ष 2021-22 में भारी राजकोषीय और बाहरी घाटा हुआ. बढ़ती मुद्रास्फीति ने हालात को और बिगाड़ा और रिजर्व बफर खत्म हो गया.''
पाकिस्तान और मुद्राकोष ने जुलाई, 2019 में छह अरब डॉलर का समझौता किया था. हालांकि, जनवरी 2020 में कार्यक्रम अटक गया और इस साल मार्च में इसे कुछ समय के लिये बहाल किया गया. लेकिन, जून में यह फिर पटरी से उतर गया था.
मुद्राकोष ने कर्ज का आकार बढ़ाकर सात अरब डॉलर करने को भी मंजूरी दी है और इसका विस्तार जून, 2023 तक कर दिया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं